¨जदगी दाव पर लगा कर रहे नाव की सवारी
गंगा में नाव हादसे के कुछ दिन बाद महकमा उदासीन हो जाता है। आलम यह है कि ¨जदगी दांव पर लगाकर इन दिनों सीतामढ़ी और सेमराध में लोग ओवरलोड नाव की सवारी कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): गंगा में ओवरलोडेड नाव पर सफर को मजबूर लोग जब हादसे का शिकार होते हैं तो शुरुआत में प्रशासन सख्ती तो दिखाता है लेकिन सबकुछ हकीकत से परे होती है। कुछ दिन बाद प्रशासनिक उदासीनता के चलते सबकुछ फिर से पहले जैसा हो जाता है। आलम यह है कि ¨जदगी दांव पर लगाकर इन दिनों सीतामढ़ी और सेमराध में लोग ओवरलोड नाव की सवारी कर रहे हैं। तमाम कोशिश के बाद भी ओवरलोड नावों के संचालन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
सीतामढ़ी और सेमराध सहित अन्य गंगा घाटों पर नाव हादसा होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से फरमान जारी होता है और उस पर अमल भी होता है। संबंधित विभाग की ओर से गंगा घाट पर नाव की सवारी कराने वालों के लिए चेतावनी के बोर्ड भी लगा दिए जाते हैं। कुछ दिन तक तो इसका असर भी दिखता है, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरने लगता है लोग भूलकर फिर ओवरलोड नाव की सवारी करने लगते हैं। इन दिनों सीतामढ़ी और सेमराध में कुछ इसी तरह से ¨जदगी दांव पर लगा कर नाव की सवारी कर रहे हैं। क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर बैठाकर गंगा पार कराया जा रहा है। इसको लेकर न तो सवारी करने वाले गंभीर हैं और न ही जिम्मेदार महकमा।
-
नहीं पड़ी डीएम-एसपी की नजर
सेमराध में मेला की सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद और पुलिस अधीक्षक राजेश एस पहुंचे थे। जिस समय जनपद के आला अधिकारी मेला क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे उसी समय क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर बैठाकर गंगा पार कराया जा रहा था। जानकारों का कहना है कि प्रशासन की ओर से समय से इस पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। हद तब हो जाती जब गैर पंजीकृत और जर्जर नावों का बेधड़क संचालन किया जा रहा है।