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खेत में डालें जैविक खाद, हो जाएं मालामाल

जागरण संवाददाता, भदोही: भारत को भले ही कृषि प्रधान देश कहा जाता है लेकिन वास्तविकता यह ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 05:23 PM (IST)
खेत में डालें जैविक खाद, हो जाएं मालामाल

जागरण संवाददाता, भदोही: भारत को भले ही कृषि प्रधान देश कहा जाता है लेकिन वास्तविकता यह है कि विभिन्न कारणों से किसानों की हालत ठीक नहीं है। दिन ब दिन क्षीण होती जमीन की उर्वरा शक्ति तथा संसाधनों के अभाव में कृषि कार्य से किसानों का मन खिन्न होता जा रहा है तथा लोग दूसरे व्यवसाय अथवा नौकरी की तलाश कर रहे हैं। हालांकि कुछ किसान आज भी कृषि कार्य को सर्वोत्तम मानते हैं तथा परिश्रम के बल पर न सिर्फ आजीविका के संसाधन जुटा रहे हैं बल्कि इसे व्यवसाय का रूप भी देने में पीछे नहीं हैं। ऐसे ही किसानों में शामिल हैं मूंसीलाटपुर निवासी विनोद राय उर्फ बुन्नी राय। इनका विश्वास न सिर्फ खेती बारी पर आज भी बना हुआ है बल्कि वे परंपरागत फसलों का बेहतर ढंग से रखरखाव कर बेहतर उत्पादन किया जा सकता है।

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इसके लिए भले की उन्हें तमाम तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़े लेकिन वे कृषि कार्य को ही अपना व्यवसाय समझते हैं।दशकों से कृषि कार्य से जुड़े श्री राय परंपरागत अरहर, गेहूं, सरसों के साथ आलू की खेती में अधिक विश्वास रखते हैं। जैविक खादों के माध्यम से भूमि को खेती लायक बनाने के साथ साथ अथक परिश्रम भी करते हैं। परिणामस्वरूप कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर हाथ से जाने नहीं देते। उनका कहना है कि जिनके पास पर्याप्त भूमि है अथवा कृषि कार्य के प्रति लगन उनके लिए इससे बेहतर दूसरा व्यवसाय हो ही नहीं सकता। बताया कि लोग दूसरे व्यवसाय को आजीविका का साधन बनाने में जुटे हैं जबकि कृषि कार्य के माध्यम से बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है।


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