डंपिग का विरोध, ट्रैक्टर में 96 घंटे से सड़ रहा कूड़ा
स्वच्छता को लेकर भले ही तमाम दावे किए जा रहे हो लेकिन स्थिति यह है कि गोपीगंज नगर में साफ-सफाई के बाद निकली गंदगी व कूड़ा निस्तारण के लिए आज तक कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है। एक ऐसी जगह की व्यवस्था नहीं की जा सकी है जहां कूड़े को निस्तारित किया जा सके। जबकि जहां मिली जगह वहीं कूड़ा गिरा देने की तर्ज पर चल रही व्यवस्था का विरोध तेज होने लगा है।
जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : स्वच्छता को लेकर भले ही तमाम दावे किए जा रहे हो लेकिन स्थिति यह है कि गोपीगंज नगर में साफ-सफाई के बाद निकली गंदगी व कूड़ा निस्तारण के लिए आज तक कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है। एक ऐसी जगह की व्यवस्था नहीं की जा सकी है जहां कूड़े को निस्तारित किया जा सके। जबकि जहां मिली जगह, वहीं कूड़ा गिरा देने की तर्ज पर चल रही व्यवस्था का विरोध तेज होने लगा है। विरोध के चलते नगर क्षेत्र गोपीगंज से कूड़ा लेकर चालक नहीं निकल रहे हैं। चार दिन यानी 96 घंटे से ट्रैक्टर पर ही कूड़ा डंप है तो सफाई व्यवस्था भी प्रभावित होने लगी है। सफाई कर्मी अब कूड़ा उठान के लिए निकलना छोड़ दिए हैं, पूरे 25 वार्ड में लोगों को जीना मुहाल हो गया है।
नगर पालिका गोपीगंज में साफ-सफाई के बाद निकलने वाली गंदगी को ट्रैक्टर व अन्य वाहन से लेकर निलकने वाले चालक जहां जगह मिलती है वहीं गिराकर चलता हो जाते हैं। लिहाजा एक जगह की गंदगी दूसरी जगह पहुंचकर लोगों के परेशानी का कारण बन जाती है। नगर से सटे ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के समीप निस्तारित किए जा रहे कूड़े का लोगों ने विरोध किया तो इधर नगर के पूर्वी छोर पर स्थित झिलिया पुल के पास कूड़ा गिराया जाने लगा। गत गुरुवार को ट्रैक्टर लेकर पहुंचे पालिका के सफाई-कर्मचारियों को आस-पास के लोगो ने विरोध करते हुए दौड़ा लिया। चालक ने कूड़ा लदे ट्रैक्टर को पूरे गुलाब में पानी टंकी के पास खड़ा किया तो फिर तीन दिन से कूड़े के साथ वहीं खड़ा है। उधर ट्रैक्टर खाली न होने से नगर में कूड़ा उठना बंद होने से जगह-जगह कूड़े का ढेर लग चुका है।
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चार ट्रैक्टर, 25 ट्राली व 52 सफाई कर्मी
- नगर पालिका में साफ-सफाई को लेकर व्यवस्था की बात करें तो छोटे-बड़े कुल पांच ट्रैक्टर, 25 ट्राली है तो स्थाई-अस्थाई कुल 52 सफाई कर्मियों की तैनाती है। जबकि आज तक एक ऐसी जगह की व्यवस्था नहीं हुई, जहां सफाई के बाद निकलने वाले कूड़े को गिराया जा सके। कूड़ा निस्तारण के लिए स्थान चिन्हित करने व भूमि खरीदने का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में लाया तो गया था लेकिन भूमि क्रय करने की कार्रवाई नहीं हो सकी।