खुले में शौच पर नहीं लग रहा अंकुश
भले ही स्थानीय नगर पालिका परिषद को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है। लेकिन नगर के रहिवासियों को खुले में शौच से दावे की पोल खुलती दिख रही है। इसके पीछे शौचालय का लाभ दिए जाने में अनदेखी कहा जाए या लाभार्थियों में व्यवहार परिवर्तन के प्रति सजगता के प्रति बेपरवाही। लेकिन है बिल्कुल सच। जिससे स्वच्छ भारत अभियान की योजना प्रभावी होता नहीं दिख रहा है।
जासं, गोपीगंज (भदोही) : भले ही स्थानीय नगर पालिका परिषद को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है। लेकिन नगर के रहिवासियों को खुले में शौच से दावे की पोल खुलती दिख रही है। इसके पीछे शौचालय का लाभ दिए जाने में अनदेखी कहा जाए या लाभार्थियों में व्यवहार परिवर्तन के प्रति सजगता के प्रति बेपरवाही। लेकिन है बिल्कुल सच। जिससे स्वच्छ भारत अभियान की योजना प्रभावी होता नहीं दिख रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत भले ही शौचालय निर्माण के मद में जिले में पानी की तरह धन खर्च किया जा चुका है। लेकिन गोपीगंज नगर में योजना पूरी तरह से निष्प्रभावी ही साबित हो रही है। तमाम प्रचार प्रसार के बाद भी खुले में शौच से मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है। जबकि नगर में भी शौचालय निर्माण और व्यवहार परिवर्तन के लिए तमाम होर्डिंग बैनर के माध्यम से भी लोगों को सजग करने का तमाम प्रयास किया जा रहा है। खुले में शौच से मुक्ति न मिल पाने से सड़कों के किनारे गंदगी से परेशानी हो रही है तो नगर के लोग गंभीर बीमारी का भी दंश झेलने को लाचार हैं। उधर लोगों का कहना है कि ओडीएफ का लक्ष्य हासिल किए बगैर ओडीएफ घोषित कर शासन प्रशासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दिया गया है। जिससे शौचालय लाभ से वंचित लाभार्थी खुले में शौच जाने के लिए लाचार हैं। नगरवासियों ने इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने की मांग किया।