पुस्तकालय में धूल फांक रहीं डेढ़ लाख पुस्तकें, विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ
शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही नव प्रवेशी छात्र पुस्तकालय की ओर आशा भरी निगाहों से देखते हैं लेकिन कक्षा संचालित हो
पुस्तकालय में धूल फांक रहीं डेढ़ लाख पुस्तकें, विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ
लापरवाही--
- कानरा महाविद्यालय में शिक्षण सत्र शुरू होते ही पुस्तक के लिए भटक रहे छात्र
- कालेज प्रशासन की लापरवाही से डेढ़ दशक से पुस्तकालय में लटका ताला
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही नव प्रवेशी छात्र पुस्तकालय की ओर आशा भरी निगाहों से देखते हैं लेकिन कक्षा संचालित होते ही उनकी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं। शासन -प्रशासन की अनदेखी कहें या फिर कुछ और ज्ञान की भंडार मानी जाने वाली पुस्तकें काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय में नष्ट हो रही हैं। डेढ़ दशक से बंद पड़े पुस्तकालय भवन को संचालित कराने की ठोस पहल होते भी नहीं दिख रही।
उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1951 में काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर विद्यालय ज्ञानपुर बना। यहां का शैक्षिक स्तर इतना उम्दा कि पूरे प्रदेश में इसे आदर्श महाविद्यालय के दृष्टि से देखा जाता है। मौजूदा समय में 22 विषयों में (19 पोस्ट ग्रेजुएट व तीन विषयों में डिग्री कोर्स) की सुविधा उपलब्ध है। पुस्तकालय का हाल देखा जाय तो लगता है कि कहीं न कहीं यह महाविद्यालय शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। करीब डेढ़ लाख पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय में डेढ़ दशक से ताला लटका है। महाविद्यालय में अध्ययनरत आठ हजार से अधिक विद्यार्थियों को उनका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इसके संबंध में अभी तक कोई ऐसी ठोस पहल नहीं हो सकी है जिससे पुस्तकालय को खोला व संचालित किया जा सके और वहां मौजूद ज्ञान के भंडार का लाभ विद्यार्थियों को मिल सके।
जर्जर हो गया पुस्तकालय भवन
कानरा महाविद्यालय के जिस ऐतिहासिक खुर्शीद भवन में पुस्तकालय बना है उसकी दशा जर्जर हो गई है। कई स्थानों से तो अंदर पानी भी पहुंच जा रहा है। इससे पुस्तकों के अंदर पुस्तकें भींगकर नष्ट हो रही है। जर्जर होते भवन के चलते ही उसके ऊपरी मंजिल पर संचालित होने वाली कक्षाओं को बंद करा दिया गया है।
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विश्वविद्यालय से पुस्तकालय संचालन पर रोक है। कालेज के छात्रों को महाविद्यालय के एप से जोड़ा गया है, उनके मोबाइल फोन में पूरा पूरा विषय उपलब्ध रहता है।
डा. पीएन डोंगरे, प्राचार्य : काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय।