खुले रहे दफ्तर, कार्यालयों से गायब रहे अफसर
होली के त्योहार पर छुट्टी भले ही गुरुवार तक सरकारी दफ्तरों में घोषित की गई थी। लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों की मनमर्जी से शुक्रवार को दर्जनों कार्यालयों में छुट्टी जैसा ही नजारा देखने को मिला। जागरण की ओर से जब शुक्रवार को कार्यालयों की सच्चाई की पड़ताल की गई तो कई दफ्तरों में ताला लटक रहा था जिस कार्यालय का ताला खुला भी मिला तो अधिकारी व कर्मचारी नदारद मिले।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : होली के त्योहार पर छुट्टी भले ही गुरुवार तक सरकारी दफ्तरों में घोषित की गई थी। लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों की मनमर्जी से शुक्रवार को दर्जनों कार्यालयों में छुट्टी जैसा ही नजारा देखने को मिला। जागरण की ओर से जब शुक्रवार को कार्यालयों की सच्चाई की पड़ताल की गई तो कई दफ्तरों में ताला लटक रहा था, जिस कार्यालय का ताला खुला भी मिला तो अधिकारी व कर्मचारी नदारद मिले।
चुनावी व मार्च माह की वित्तीय व्यस्तता की वजह से शासन व जिला प्रशासन की ओर से भले ही कार्यालयों में हर हाल में कार्य दिवस में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन उपस्थिति को लेकर अधिकारियों की कार्यशैली में बदलाव नहीं दिख रहा है। होली के त्योहार पर कार्यालयों में छुट्टी होली के दिन गुरुवार तक ही घोषित की गई थी। शुक्रवार को कार्यालय का कार्य दिवस नियत किया गया था। बावजूद इसके इतने व्यस्ततम समय में भी अधिकारियों की मनमर्जी के आगे सभी फरमान फेल दिख रहे हैं। शुक्रवार के दिन सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति की पड़ताल करने दैनिक जागरण टीम जब विकास भवन पहुंची तो जिला विकास अधिकारी का कार्यालय तो खुला मिला एक दो कर्मचारी के अलावा पूरे कार्यालय में जिम्मेदार लोगों की कुर्सी खाली देखी गई। अन्य कार्यालयों के पड़ताल में भी अधिकांश में ताला लटक रहा था तो कई कार्यालय खुलने के बावजूद भी अधिकारी व कर्मी नदारद रहे। विकास भवन के बाद टीम विद्युत विभाग के कार्यालय में पहुंची तो यहां भी कमोवेश डीडीओ कार्यालय जैसा ही यहां भी माहौल देखा गया। अधिशासी अभियंता विद्युत कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। कार्यालय में विद्युत बिल व अन्य समस्याओं को लेकर पहुंचे फरियादी मायूस होकर वापस होने को लाचार देखे गए। इसके बाद दोपहर दो बजे के लगभग टीम जब एसडीओ विद्युत ज्ञानपुर कार्यालय पहुंची तो यहां बिल अदायगी काउंटर तो खुला मिला लेकिन काउंटर पर तैनात कर्मी काउंटर पर खड़े उपभोक्ताओं से बेपरवाह बातों में मस्त रहे। जिससे बिल जमा करने आए उपभोक्ताओं को काउंटर बंद होने का हवाला देकर वापस कर दिया जा रहा था। इसके अलावा दर्जनों कार्यालयों में इसी तरह स्थिति देखी गई।
उपस्थिति समय को लेकर अधिकारियों व कर्मियों की मनमर्जी से कार्यालयों में लंबित फाइलें ठंडे बस्ते में धूल फांक अपने निस्तारण का इंतजार वर्षों से कर रही हैं, लेकिन आस अधूरी रहने से दिन बहुरने की उम्मीद नहीं दिख रही है।