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अब तीस रुपये में पालिये बेसहारा 'गोवंश'

क्या आप वास्तव में पशु प्रेमी हैं सड़क से लेकर खेतों तक बेसहारा टहल रहे मवेशियों (गोवंश) को सहारा-आसरा देना चाहते हैं। तो आइये अब आप इन्हें पाल सकते हैं। यह आप के ऊपर भार भी नहीं बनेंगे बल्कि इनका खर्च सरकार उठाएगी। यानी प्रतिदिन एक मवेशी पर तीस रुपये मिलेंगे। बेसहारा मवेशियों (गोवंश) को संरक्षण देने में आम जन की सहभागिता बढ़ाने के लिए शासन की ओर से अलग पहल करते हुए मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:29 AM (IST)
अब तीस रुपये में पालिये बेसहारा 'गोवंश'

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : क्या आप वास्तव में पशु प्रेमी हैं, सड़क से लेकर खेतों तक बेसहारा टहल रहे मवेशियों (गोवंश) को सहारा-आसरा देना चाहते हैं। तो आइये अब आप इन्हें पाल सकते हैं। यह आप के ऊपर भार भी नहीं बनेंगे बल्कि इनका खर्च सरकार उठाएगी। यानी प्रतिदिन एक मवेशी पर तीस रुपये मिलेंगे। बेसहारा मवेशियों (गोवंश) को संरक्षण देने में आम जन की सहभागिता बढ़ाने के लिए शासन की ओर से अलग पहल करते हुए मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गई है। प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव बीएल मीना के आए पत्र के बाद जिला प्रशासन ने इच्छुक किसानों/पशुपालकों को जागरूक व प्रेरित करने के लिए ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में इसे एजेंडा बिदु के रूप में शामिल करने का निर्देश जारी कर दिया है।

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क्या है योजना

- जिला प्रशासन की ओर से ऐसे किसान, पशुपालक व अन्य व्यक्ति जो बेसहारा गोवंश पालने को तैयार हैं उनका चयन कर पशुओं को उनकी सुपुर्दगी में दी जाएगी। उन्हे प्रति मवेशी प्रति दिन 30 रुपये का भुगतान डीबीटी प्रक्रिया से खाते में किया जाएगा। बाध्यता यह होगी कि चयनित कृषक-पशुपालक किसी भी दशा में सुपुर्दगी में दिए गए मवेशी का न तो विक्रय करेंगे, न ही उन्हें छुट्टा छोड़ेंगे। एक लाभार्थी को अधिकतम चार मवेशी सौंपे जाएंगे। इसमें नवजात की गणना नहीं होगी अर्थात मादा गोवंश व दूध पीते बछिया-बछड़ा को एक माना जाएगा। योजना के प्रथम चरण में पूरे प्रदेश में एक लाख मवशियों को सुपुर्दगी में देने का लक्ष्य तय किया गया है।

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- योजना का प्रचार-प्रसार कराने एवं बीडीसी व ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में इसे शामिल कराते हुए लोगों को गोवंश को पालने के लिए प्रेरित कराने का निर्देश सभी सहायक विकास अधिकारियों को दिया गया है।

बालेशधर द्विवेदी, जिला पंचायत राज अधिकारी भदोही।


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