महिला उत्पीड़न के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
महिला उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्याक्ष अंजु चौधरी ने बुधवार को यह चेतावनी दी। कहा कि पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाना ही आयोग का मूल मकसद है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): महिला उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजु चौधरी ने बुधवार को यह चेतावनी दी। कहा कि पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाना ही आयोग का मूल मकसद है। वह बुधवार को गेस्ट हाउस ज्ञानपुर में महिला उत्पीड़न के मामलों में हुई कार्रवाई की समीक्षा कर रही थीं।
कहा कि महिलाओं को बार-बार थानों का चक्कर न लगाना पड़े। पीड़ित महिला के शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता मिलने पर संबंधित अधिकारी को दंडित किया जाएगा। उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न संबंधी शिकायतों को समझाकर सहमति के आधार पर निस्तारण कराने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अधिकतर महिलाएं पति, सास-ससुर एवं ननद से पीड़ित हैं। उनके परिवार के सदस्यों को परिवार परामर्श केन्द्र बुलाकर काउंसिलिग की जाए। यदि समस्या फिर भी नही सुलझती है तो उचित धारा में मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही जिले भर से आई पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण करने का निर्देश दिया। इस दौरान आए 17 मामलों में सात का मौके पर ही निस्तारण कर दिया। इस मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी कालू सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी निलेश मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र यादव आदि थे।