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निषाद पार्टी की झोली में जा सकती है भदोही की सीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी होने के कारण भाजपा पूर्वांचल के सभी सीटों को हथियाने के जुगाड़ में जुटी हुई है। जातीय समीकरण के साथ ही साथ अन्य सभी पहलुओं की पड़ताल करने के बाद ही प्रत्याशी मैदान में उतारना चाहती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 06:21 AM (IST)
निषाद पार्टी की झोली में जा सकती है भदोही की सीट

सियासत:

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- गोरखपुर में आयोजित गुहराज की जयंती में पहुंचे ज्ञानपुर विधायक

- राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने पर हो गया था निष्कासन

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी होने के कारण भाजपा पूर्वांचल के सभी सीटों को हथियाने के जुगाड़ में जुटी हुई है। जातीय समीकरण के साथ ही साथ अन्य सभी पहलुओं की पड़ताल करने के बाद ही प्रत्याशी मैदान में उतारना चाहती है। जानकारों का कहना है कि भदोही संसदीय सीट सहयोगी दल निषाद पार्टी की झोली में जा सकती है। इस बात की पुष्टि भी इससे की जा सकती है कि अभी तक भाजपा भदोही संसदीय सीट को लेकर अपना पत्ता नहीं खोल पाई है।

लोकसभा उप चुनाव में गोरखपुर सीट पर कब्जा करने के बाद निषाद पार्टी सियासी गलियारों में अपनी पकड़ मजबूत बना ली है। अभी कुछ ही दिन पहले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद के पुत्र एवं गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही निषाद पार्टी भी भाजपा में शामिल हो गई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि निषाद पार्टी को दो सीट मिल सकती है। इसमें एक भदोही सीट भी शामिल है। यहां पर निषाद जाति के लोगों की संख्या अधिक बताई जा रही है। विधानसभा चुनाव में सपा से निष्कासित विधायक विजय मिश्र ने निषाद पार्टी से ताल ठोंकी थी। मोदी के सुनामी में भी वह ज्ञानपुर से चौथी बार निर्वाचित हुए थे। इसी बीच राज्यसभा चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। बुधवार को गोरखपुर में आयोजित गुहराज की जयंती में एक बार फिर निषाद पार्टी के मंच पर विजय मिश्रा को दिखते ही सियासत गरमा गई। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने उन्हें फिर से राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। इस बात का उल्लेख विजय मिश्र ने खुद अपने ट्यूटर पर किया है। सियासी गलियारों में कयास लगाया जा रहा है कि भदोही सीट यदि निषाद पार्टी की झोली में गई तो विजय मिश्र अथवा उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्र को मैदान में उतारा जा सकता है।


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