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एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होगी आरोपितों की सुनवाई

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) विधायक विजय मिश्र और उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा के स

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 05:34 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 05:34 PM (IST)
एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होगी आरोपितों की सुनवाई
एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होगी आरोपितों की सुनवाई

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विधायक विजय मिश्र और उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा के साथ ही अन्य आरोपितों की सुनवाई भी एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होगी। हर हाल में पुलिस को 14 नवंबर तक आरोप पत्र दाखिल कर देना होगा। पुलिस अब कानूनी दांव-पेच में उलझती दिख रही है।

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रिश्तेदार का भवन और फर्म हड़पने के मामले में विधायक, एमएलसी और उनके कारोबारी पुत्र के खिलाफ चार अगस्त को गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। मध्य प्रदेश में गिरफ्तारी के बाद विधायक को 14 अगस्त को कोर्ट के सामने पेश किया गया था। इसी मामले में रामलली मिश्र सशर्त जमानत पर हैं जबकि विष्णु मिश्र अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने कुर्की की नोटिस जारी की थी। 17 अक्टूबर को विवेचक कृष्णानंद राय कुर्की की कार्रवाई के लिए कोर्ट में आदेश लेने पहुंचे थे। कोर्ट ने आदेश जारी करने के बजाए फिर से 82 की प्रकिया करने का आदेश दे दिया। साथ ही 30 दिन बाद केस डायरी के साथ प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने को कहा है। इसी बीच वाराणसी की एक गायिका ने विधायक और उनके पुत्र सहित पौत्र पर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया है। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि आरोपित विष्णु की गिरफ्तारी की जाएगी नहीं तो कुर्की की कार्रवाई के बाद इनाम घोषित किया जाएगा। विष्णु विधायक के साथ आरोपित हैं इसलिए मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होगी। कानूनी दांव के माहिर हैं विधायक

पुलिस भले ही एक पर एक मुकदमा दर्ज करती रहे लेकिन विधायक विजय मिश्र कानूनी दांव के माहिर हैं। इसी का परिणाम रहा है कि हत्या सरीखे कई मामलों में दोष मुक्त हो चुके हैं। रिश्तेदार का भवन हड़पने, गैंगरेप, जालसाजी समेत अब तक छह मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस खुद कानूनी दांव में उलझती दिख रही है। आरोपित विष्णु मिश्र के खिलाफ जब तक कुर्की की कार्रवाई नहीं हो जाती है तब तक इनाम घोषित नहीं किया जा सकता है। पुलिस को यह प्रकिया पूरी करने के लिए 17 नवंबर हो पेश होना पड़ेगा जबकि 14 नवंबर तक ही चार्जशीट दाखिल करनी है। यदि 14 को चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाती है तो एफआइआर खुद शून्य हो जाएगा। भूमि हड़पने के मामले में भी भारतीय स्टेट बैंक से प्रमाणित समझौता पत्र भी सामने आ जाने से मामला उलझता दिख रहा है।


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