विधि-विधान से पूजी गईं मां कालरात्रि
वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को आदि शक्ति के सातवें स्वरूप मां कालरात्री विधि-विधान से पूजी गईं। इस दौरान अर्गला स्तोत्र कवच और देवी तंत्रोक्ति से गांव और नगर गुंजायमान रहे।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को आदि शक्ति मां कालरात्रि विधि-विधान से पूजी गईं। इस दौरान अर्गला स्तोत्र, कवच और देवी तंत्रोक्ति से गांव और नगर गुंजायमान रहे। घंटा-घड़ियाल की गगनभेदी आवाज से पूरा वातावरण भी देवीमय हो गया है। कड़ी धूप के बाद भी आस्था में डूबे भक्त मां के एक झलक पाने को बेताब रहे। देखा जाय तो गांव और नगर की हर गली केसरिया रंग से सज चुका है। देवी मंत्रों की गूंज से पूरा वातवारण भक्तिमय हो गया है।
देवी भक्त आदि शक्ति की आराधना में इस कदर डूब चुके हैं कि उन्हें न तो भोजन की परवाह है और न पानी की। देवी मंदिरों में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी रही। भोर से लगी भक्तों की कतार दोपहर के बाद कुछ कम हुई लेकिन शाम होते ही एक बार फिर से पूजन- दर्शन को कतार लग गई। पूजन सामग्री से सजी थाल, नारियल, चुनरी के साथ भक्त विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर रहे थे। आदि शक्ति के एक झलक पाने के लिए लोग आतुर दिखे। नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदि शक्ति के दर्शन को भक्तों की कतार लगी रही। गोपीगंज स्थित प्राचीन दुर्गामंदिर, काली देवी मंदिर, कबूतरनाथ मंदिर आदि स्थानों पर देवी भक्तों का तांता लगा रहा। महिला-पुरुष दर्शन पूजन कर देवी की स्तुति कर रहे थे। इस दौरान घंटा-घड़ियाल के साथ गगनभेदी जयकरे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। इसी तरह औराई, महराजगंज, बाबूसराय, ऊंज स्थित देवी मंदिरों में आस्थावानों की भीड़ लगी रही। सीतामढ़ी में उमड़ा आस्था का समंदर
सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में नवरात्र के छठवें दिन आस्था का समंदर उमड़ पड़ा। भोर की अर्गला आरती के बाद से ही आदि शक्ति के दर्शन को भक्तों की लंबी कतार लगी रही। कड़ी धूप और उमस के बाद भी भक्तों की कतार कम होती नहीं दिख रही थी। जगत जननी के दर्शन करने के लिए जिले के अलावा अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। सीता समाहित ट्रस्ट की ओर से भी भक्तों के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।