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गठबंधन हुआ तो मायावती बनना चाहेंगी इंजन

आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश में गटबंधन बना तो मायावती उसका इंजन बनना चाहेंगी जबकि सपा मुखिया अखिलेश व कांग्रेस उनके डिब्बे होंगे। हालांकि सीटों को बंटवारे को लेकर उठा पटक होगी तथा मायावती कांग्रेस को 20 सीट भी देने वाली नहीं हैं। रजपुरा स्थित ब्रह्मकुमारीज इश्वरीय विश्वविद्यालय में सोमवार को आयोजित मिशन मोदी अगेन पीएम, कार्यक्रम में भागीदारी को आए सपा से राज्यसभा सदस्य अमर ¨सह ने उक्त बातें प्रेसवार्ता के दौरान कही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 11:12 PM (IST)
गठबंधन हुआ तो मायावती बनना चाहेंगी इंजन
गठबंधन हुआ तो मायावती बनना चाहेंगी इंजन

जागरण संवाददाता, भदोही: आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश में गठबंधन बना तो मायावती उसका इंजन बनना चाहेंगी जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस उनके डिब्बे होंगे। हालांकि सीटों को बंटवारे को लेकर उठापटक होगी तथा मायावती कांग्रेस को 20 सीट भी देने वाली नहीं हैं। रजपुरा स्थित ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सोमवार को आयोजित मिशन मोदी अगेन पीएम, कार्यक्रम में भागीदारी को आए सपा से राज्यसभा सदस्य अमर ¨सह ने उक्त बातें प्रेस वार्ता के दौरान कही।

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कहा कि मायावती का मतदाताओं पर गहरा प्रभाव है तथा पिछले दिनों सम्पन्न ¨हदी भाषी प्रांतों के राज्य सभा चुनाव में देखने को साफ तौर से मिला है। कांग्रेस को तीन राज्यों में मिली बड़ी सफलता के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्ष के गठबंधन को बल मिला है लेकिन गठबंधन की कमान मायावती अपने ही पास रखना चाहेंगी। केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि जनहित में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है तथा लोकसभा चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिलेगा। उन्होंने राफेल मामले पर बार-बार कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को हास्यास्पद बताया और कहा कि बार-बार झूठ बोलने से वास्तविकता नहीं बदल जाती। श्री ¨सह ने राहुल गांधी व कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठे आरोप लगाना इस पार्टी की परंपरा रही है। लगे हाथ मुलायम ¨सह यादव को भी उन्होंने निशाने पर लिया। कहा कि अपने बेटे के रास्ते में आने वाले किसी व्यक्ति को वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। शिवपाल ¨सह यादव की सभा में अखिलेश की बात करना इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है। उनको अपने दूसरे बेटे प्रतीक यादव के बारे में भी अब सोचना चाहिए। वार्ता के दौरान चंद्रशेखर ¨सह, पंकज ¨सह, संतोष ¨सह, राजन मिश्र, शानू ¨सह, प्रशांत पांडेय, ऋचा ¨सह आदि थे।


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