एक फार्मासिस्ट के नाम हो रहा कई मेडिकल स्टोर का संचालन
मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए विभागीय स्तर लाइसेंस जारी करने में प्रावधानों की अनदेखी किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए एक फार्मासिस्ट की डिग्री पर एक ही लाइसेंस निर्गत किए जाने का शासनादेश जारी होने के बावजूद भी जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई-कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। अब इसे विभागीय मिलीभगत कहें या फिर कुछ और लेकिन समय-समय पर होने वाली जांच के बाद भी अफसरों की निगाह इस पर नहीं पड़ रही है जो बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए विभागीय स्तर से लाइसेंस जारी करने में प्रावधान की अनदेखी किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए एक फार्मासिस्ट की डिग्री पर एक ही लाइसेंस निर्गत किए जाने का शासनादेश जारी होने के बावजूद भी जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई-कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। अब इसे विभागीय मिलीभगत कहें या फिर कुछ और लेकिन समय-समय पर होने वाली जांच के बाद भी अफसरों की निगाह इस पर नहीं पड़ रही है।
दरअसल, मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए स्वास्थ्य महकमे में हमेशा से ही खेल होता रहा है। तमाम दिशा निर्देश के बाद भी सारे नियम व कानून को ताक पर रखकर लाइसेंस निर्गत कर दिए गए हैं। स्थिति यह है कि अधिकतर फार्मासिस्ट डिग्रीधारी ऐसे हैं जिनकी डिग्री पर एक से अधिक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी हैं। गोपीगंज नगर में ही कई मेडिकल स्टोर ऐसे हैं जो एक ही फार्मासिस्ट के नाम पर चल रहे हैं। बहरहाल यह तो रही मेडिकल स्टोर संचालन के लिए जारी हुए लाइसेंस का हाल, अब यदि इस अनियमितता के खिलाफ कार्रवाई की बात की जाए तो आए दिन मेडिकल स्टोरों के जांच के दावे किए जाने के बावजूद इस ओर किसी अफसर की नजर नहीं पड़ रही है। ग्रामीण अंचलों में तो मनमानी तरीके से अप्रशिक्षित लोगों द्वारा मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे हैं। महकमा जानते हुए भी अंजान बना हुआ हैं। मामला जो भी हो लेकिन इस कारनामे पर अंकुश न लगने से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग सवालों में घिर गया है।