नेकी करें, लॉकडाउन का पालन कर सुरक्षित रहें
भदोही देश व दुनियां में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को हराने के लिए रमजान का एक माह बेहद महत्वपूर्ण है। पवित्र रमजान भर लोगों ने एहतियात बरत लिया तो यकीनन ईद की सेवइयां जायकेदार हो सकती हैं। शहर के प्रमुख उलेमा-ए-कराम की यही अपील है। उलेमा का कहना है कि अल्लाह ताअता की पसंदीदा इबादतों वाले इस माहे मुबारक में मांगी गई दुआएं कभी बेकार नहीं जातीं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि लाकडाउन का पूरी तरह पालन करते हुए अपने अपने घरों में कसरत से इबादत करें।
माहे रमजान
- कोरोना को हराने के लिए महत्वपूर्ण है रमजान का माह
- घरों पर अदा करें नमाज, बारगाहे खुदा में करें दुआख्वानी
जासं, भदोही : पूरी दुनिया में तबाही का मंजर खड़ा कर देने वाले वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को हराने के लिए रमजान का माह बेहद खास बनकर आया है। इस पाक माह में लोगों ने एहतियात बरत लिया तो यकीनन ईद की सिवईं की मिठास बढ़ जाएगी। कोरोना वायरस से जंग को लेकर शहर के उलेमा-ए-कराम की यही अपील है। उलेमाओं का कहना है कि अल्लाह की पसंदीदा इबादतों वाले इस माहे मुबारक में मांगी गई दुआएं कभी बेकार नहीं जातीं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करते हुए घरों पर ही इबादत व नमाज अदा करें। इसके साथ ही मुल्क व अवाम की सलामती के लिए बारगाहे खुदा में हाथ उठाकर दोआख्वानी करें।
- रोजा रखकर इबादत करने वाले बंदे को अल्लाह अपनी रहमत के आगोश में ले लेता है। उसकी दुआएं कबूल करता है। लॉकडाउन के दौरान इबादत करने का सुनहरा अवसर है। न तो धूप में निकलना है न ही काम-काज के लिए भागदौड़ करनी है।
मौलाना फैसल हुसैन अशरफी, प्रधानाचार्य, मदरसा शम्सिया तेगिया
- रमजान के दौरान सरकार की मंशा के अनुसार लोगों को लॉकडाउन का पालन करना है। रोजे रखें, घरों में ही नमाज अदा करें। तिलावत करें, अल्लाह की बारगाह में इस मुसीबत से निजात के लिए दुआ करें। हाफिज परवेज अच्छे, पेश इमाम, जामा मस्जिद
- माहे रमजान से हमें सब्र करने की ताकत मिलती है। मुश्किलों से लड़ने का हौसला मिलता है। 14 घंटे से अधिक की भूख प्यास इसी सब्र का नतीजा है। हमें महामारी से लड़ना है। इसलिए लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना होगा।
हाफिज इरफान चिश्ती
- एक माह के लॉकडाउन के दौरान लोगों ने जिस धैर्य का परिचय दिया है। आने वाले माह रमजान में भी बरकरार रखने की जरूरत है। अल्लाह अपने बंदों का इम्तहान ले रहा है। इसे समझने की कोशिश करें।
शहाबुद्दीन खान