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पुलिस मुठभेड़ कांड की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

सुरियावां क्षेत्र के गोकुलपट्टी में मंगलवार की रात हुई कथित पुलिस मुठभेड़ कांड की जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया है। इस जांच की जिम्मेदारी ज्ञानपुर की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कविता मीना को सौंपी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 12:32 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 12:32 AM (IST)
पुलिस मुठभेड़ कांड की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
पुलिस मुठभेड़ कांड की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सुरियावां क्षेत्र के गोकुलपट्टी में मंगलवार की रात हुए कथित पुलिस मुठभेड़ की जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जांच ज्ञानपुर की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कविता मीना करेंगी। मामले में स्वाट प्रभारी प्रयागराज वृंदावन राय ने मृतक अपहरणकर्ता संजय यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। घटनास्थल पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने खून का नमूना लेने के साथ ही साथ बरामद पिस्टल की फिगर प्रिट भी लिया। कड़ी मशक्कत के बाद भी बुलेट का खोखा पुलिस को नहीं मिल पाया। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के ठेकेदार अभिषेक सिंह के छह वर्षीय पुत्र रणवीर सिंह का अपहरण कर लिया गया था और पिता से तीन करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। ठेकेदार की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कर क्राइम ब्रांच की टीम बरामदगी में लग गई थी। अपहरणकर्ता संजय अपनी अल्टो कार से बालक को लेकर दुर्गागंज की ओर भाग रहा था। इसकी जानकारी भदोही पुलिस को भी दे दी गई।

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सभी थानों को कर दिया गया था अलर्ट

वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित होते ही सभी थाने की पुलिस अलर्ट हो गई। सीमावर्ती क्षेत्रों में बैरियर लगाकर वाहनों की जांच होने लगी। क्राइम ब्रांच की टीम ने पहले वारी के पास उसके पिछले टायर में गोली मारी। इसके बाद बसवापुर- गोकुलपट्टी मार्ग पर पुलिस की कथित मुठभेड़ वह ढेर हो गया और अपहृत बालक के सुरक्षित बचा लिया गया। घटना के बाद बुधवार को फोरेंसिक टीम ने जांच की।

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स्वाट प्रभारी की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मजिस्ट्रियल जांच की भी संस्तुति हुई है। चूंकि अपहरणकर्ता का शव भदोही जनपद में मिला है, इसलिए मुकदमा दर्ज कराया गया है। घटना के पीछे क्या स्टोरी है, प्रयागराज की पुलिस जाने, वह अच्छी तरह बता सकती है।

- राजेश एस, पुलिस अधीक्षक चूंकि मानवाधिकार आयोग का निर्देश है कि किसी भी एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच आवश्यक है, इस लिहाज से हमने मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं ताकि मामले की हकीकत सामने आए।

-राजेंद्र प्रसाद, जिलाधिकारी

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