अस्पताल खुलने के समय लटक रहा ताला
समय सुबह नौ बजकर बीस मिनट, स्थान राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय खमरिया में लटक रहा ताला, तीन चार संख्या में दवा के लिए भटक रहे मरीज। कुछ ऐसा ही आफिस लाइव अभियान के तहत जागरण की पड़ताल में सच सामने आया। तैनात चिकित्सकों की मनमानी इस कदर है कि आने जाने का कोई समय ही अता-पता नहीं है।
जागरण संवाददाता खमरिया (भदोही) : समय-सुबह नौ बजकर बीस मिनट, स्थान-राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय खमरिया- स्थिति-लटक रहा ताला, तीन-चार की संख्या में दवा के लिए भटक रहे मरीज। कुछ ऐसा ही नजारा दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आया। तैनात चिकित्सकों की मनमानी इस कदर है कि आने जाने का कोई समय ही अता-पता नहीं है।
नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार की ओर से तमाम कवायद के बाद भी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी से मरीजों को समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं है। समय से न खुलने की वजह से क्षेत्रीय लोग निजी अस्पतालों में आर्थिक शोषण का शिकार और जलालत झेलने को लाचार हैं। एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा कर रही है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही से सरकार के इस दावे का पलीता लग रहा है। टीम जब अस्पताल परिसर में पहुंची तो सभी दरवाजों में ताला लगा मिला। परिसर के आसपास तीन चार की संख्या में उपचार के लिए आए मरीज भटकते मिले। बातचीत के दौरान दवा के लिए आए मरीजों ने बताया कि अक्सर अस्पताल बंद रहता है। आरोप लगाया कि अस्पताल में तैनात चिकित्साकर्मियों की मनमर्जी से क्षेत्र के लोग दवा के लिए जिस उम्मीद से अस्पताल में आते हैं। उतनी ही मायूसी से बगैर उपचार उनको वापस भी होना पड़ रहा है। कई बार मुख्य चिकित्साधिकारी व अन्य अधिकारियों से शिकायत किया गया बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हो पाया। पड़ताल में सामने आए सच में भी मौजूद लोगों का कथन में सच्चाई भी दिख रही है। स्वास्थ्य कर्मियों की मनमर्जी से क्षेत्रीय लोगों को उपचार के लिए दिक्कत उठानी पड़ रही है। अधिकारियों की ओर से ठोस कार्रवाई न होने से समस्या दूर होती नहीं दिख रही है।