पानी की टंकी में गिरने से अधिवक्ता की मौत
क्षेत्र के काशीरामपुर में गुरुवार को अल सुबह पानी की टंकी में गिरे अधिवक्ता आलोक दुबे (32) को आनन-फानन जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : क्षेत्र के काशीरामपुर में गुरुवार को सुबह पानी की टंकी में गिरे अधिवक्ता आलोक दुबे (32) को आनन-फानन जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर जहां परिजनों में कोहराम मच गया तो वहीं अधिवक्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिवार के लोगों को सौंप दिया।
कोतवाली क्षेत्र के काशीरामपुर निवासी आलोक दुबे दीवानी न्यायालय में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस करते थे। उनकी पत्नी दिप्ती रसोई में चाय बना रही थी। इस बीच वह शौच जाने के लिए बाहर रखे डिब्बे में पानी भरने को दरवाजे पर बनी पानी की टंकी के पास गए थे। पानी भरने के लिए झुके ही थे कि सिर के बल टंकी में गिर गए। टंकी छोटी होने के कारण वे उसी में फंस गए। काफी देर तक वापस न आने पर उनकी पत्नी बाहर निकली तो दृश्य देख अवाक रह गई। अभी शोर मचाती कि बेहोश होकर वह भी दरवाजे पर ही गिर पड़ी। वहां कुछ लोगों ने स्थिति देख शोर मचाया। पड़ोस के लोग आनन-फानन जिला अस्पताल ले आए लेकिन इसके पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। जानकारी होते ही पोस्टमार्टम हाउस पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता भी पहुंच गए। हर कोई आलोक की सरलता और उनके व्यवहार की तारीफ करता रहा। साथी की सराहना करते-करते कई युवा अधिवक्ताओं की आंखे नम हो गई।
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उजड़ा सुहाग तो अनाथ हुआ बच्चा
अधिवक्ता आलोक ने कम समय में अधिवक्ताओं के बीच अपनी खास पहचान बना ली थी। नगर में अधिसंख्य व्यवसायी तो ऐसे थे कि सुबह से शाम तक एक बार मुलाकात नहीं होती तो उनके मोबाइल फोन घनघनाने लगते थे। जिसे भी घटना की जानकारी होती वह एक बारगी विश्वास नहीं कर रहा था। देखते ही देखते ही घटना जंगल में आग की तरह फैल गई। आलोक की मौत से जहां पत्नी दिप्ती की सुहाग उजड़ गया तो वहीं छह वर्षीय पुत्र आदि के सिर से पिता का साया उठ गया।