स्टार कॉलेज स्कीम में केएनपीजी कॉलेज को मिली 75 लाख की स्वीकृति
काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी के अंतर्गत 75 लाख का प्रस्ताव को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से स्वीकृति मिल गई। प्रदेश में केएनपीजी के अलावा चार महाविद्यालयों का चयन किया गया है। 13 अप्रैल को स्वीकृति का पत्र मिलते ही प्रस्तुतिकरण करने गई प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डा. रश्मि सिंह
सफलता
शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार की शुरू गई पहल, मिला बजट तो सुसज्जित हो जाएगा कॉलेज
- स्नातक-परास्नातक और शोध की व्यवस्था के लिए तैयार किया प्रोजेक्ट
- प्रदेश में चार महाविद्यालयों में शामिल हुआ केएनपीजी कॉलेज
जासं, ज्ञानपुर : काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालॉजी के अंतर्गत 75 लाख के प्रस्ताव को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से स्वीकृति मिल गई। प्रदेश में केएनपीजी के अलावा चार महाविद्यालयों का चयन किया गया है। 13 अप्रैल को स्वीकृति का पत्र मिलते ही प्रस्तुतिकरण करने गई प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डा. रश्मि सिंह, विषय कोआर्डिनेटर भौतिक कल्पना अवस्थी, प्राणी विज्ञान की पीसी गुप्ता, वनस्पति विज्ञान के रणजीत सिंह को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
प्राचार्य डा. पीएन डोंगरे ने बताया कि कालेज में स्नातक और परास्नातक के साथ ही शोध के क्षेत्र में छात्रों को सुविधा नहीं मिल पा रहा है। प्रायोगिक विषयों में तो छात्रों को बहुत दिक्कत उठानी पड़ रही थी। छात्रों को हित में देखते हुए स्टार कॉलेज स्कीम के तहत स्नातक के छात्रों के लिए 75 लाख और परास्नातक और शोध के छात्रों के लिए डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नालाजी के अंतर्गत दो करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से प्रदेश में केएनपीजी के अलावा चार कालेज का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय से डीबीटी से 75 लाख की स्वीकृति मिल गई है। इसके माध्यम से चार प्रायोगिक विज्ञान विषयों के शिक्षण में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए यह अनुदान मिला है। इससे कालेज की तस्वीर बदल जाएगी।
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काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में कार्यभार ग्रहण के बाद कई चुनौतियां थी। विशेषकर शैक्षणिक गुणवत्ता और संसाधनों की कमी को लेकर हर समय मन में चिता रहती थी। डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नालाजी के तहत दो करोड़ और डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी के अंतर्गत 75 लाख का प्रस्ताव केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय भेजा गया है। परिश्रम कर किसी तरह से डीबीटी के तहत स्वीकृति मिल गई है। इससे अब उम्मीद जवां हो गई कि कालेज को एक बार फिर नव जीवन मिल जाएगा। इसमें सबसे अधिक भूमिका प्रस्तुतिकरण कर रही रश्मि सिंह की रहीं। उनके स्थानांतरण के बाद तनाव में आ गया था। स्थानांतरण के बाद भी वह कालेज की ओर से प्रस्तुत हुईं।
डा.पीएन डोंगरे, प्राचार्य, केएनपीजी ज्ञानपुर।