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चीनी विरोध भुनाने की तैयारी में कालीन निर्यातक

जागरण संवाददाता भदोही उन देशों से कारोबारी रिश्ते मजबूत करने की कोशिश शुरू हुई ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:35 PM (IST)
चीनी विरोध भुनाने की तैयारी में कालीन निर्यातक

जागरण संवाददाता, भदोही : उन देशों से कारोबारी रिश्ते मजबूत करने की कोशिश शुरू हुई है जो चीन से कारोबारी संबंध तोड़ चुके हैं। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद दूसरा वर्चुअल फेयर 29 सितंबर से एक अक्टूबर के मध्य आयोजित करने जा रहा है। तारीख तय हो चुकी है। अब हाईटेक मंच सजाया जा रहा है। दोबारा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर शानदार कारोबार होने की उम्मीद जीवंत हुई है। सौ से अधिक आयातकों को न्योता भेजा है। इसमें सभी न्यूजीलैंड व ऑस्ट्रेलिया समेत कई यूरोपीय देशों के आयातक शामिल हैं। इसमें वे लोग ज्यादा हैं जो चीन से कारोबारी रिश्ते तोड़ चुके हैं। कालीन ग्राहकों को अब भारत से जोड़ने की मुहिम चली है। 90 फीसद कारोबार करते थे चीन के साथ

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जिन देशों के 90 फीसद व्यवसायिक संबंध चीन से होते थे, अब वे कारोना के चलते चीन से बहुत नाराज हैं। भारतीय कालीनों के लिये सीईपीसी इसे सुनहरा अवसर मान रही है। अब कारोबार को दोनों हाथों से लपकने की जमीन तैयार की जाने लगी है। बता दें कि दूसरा आयोजन 21 से 25 अगस्त के मध्य हुए पहले वर्चुअल आयोजन से बिल्कुल अलग होगा। चार देशों के आयातकों की मौजूदगी

फेयर के लिए सीईपीसी ने चार देशों के आयातकों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है। फिजी व पापुआ न्यू गिनी के आयातक भी शामिल हो सकते हैं। सीईपीसी की मानें तो इन देशों के आयातक कालीनों की खरीदारी भारत की तुलना में चीन से अधिक करते हैं। अब उनके सामने भारत बेहतर विकल्प बन सकता है। अबकी सीईपीसी ने स्टाल सीमित कर दिया है।

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162 कालीन कंपनियों के उत्पादों का अध्ययन

सीईपीसी के अधिशासी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि गुणवत्ता के अनुसार निर्यातकों का चयन होगा। देश के 162 कालीन कंपनियों की प्रोफाइल का अध्ययन किया जा रहा है, देखा जा रहा है कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता कैसी है। जांच के बाद निर्यातकों का चयन किया जाएगा। विशेष रणनीति के तहत आयातकों को आमंत्रित किया जा रहा है। आस्ट्रेलिया हस्तनिर्मित कालीनों का बड़ा ग्राहक है।


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