किराये पर उठा दिया कांशीराम आवास, जांच शुरू
कांशीराम शहरी आवास योजना में अंतर्गत बना भवन आपराधिक एवं असमाजिक तत्वों का सुरक्षित अड्डा बन गया है। आवंटन में व्यापक स्तर पर धांधली की गई है। सैकड़ा से अधिक आवंटित अपने फ्लैट को किराया पर देकर गायब हैं। शासन के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्र ने तहसीलदार ज्ञानपुर के नेतृत्व में टीम गठित गई है।
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कांशीराम शहरी आवास योजना में अंतर्गत बना भवन आपराधिक एवं असमाजिक तत्वों का सुरक्षित अड्डा बन गया है। आवंटन में व्यापक स्तर पर धांधली की गई है। सैकड़ा से अधिक आवंटित अपने फ्लैट को किराया पर देकर गायब हैं। शासन के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्र ने तहसीलदार ज्ञानपुर के नेतृत्व में टीम गठित गई है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। आरोप है कि आवंटियों द्वारा फ्लैट को किराए पर दे दिया है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो फ्लैट को खुद किराया पर लेकर दूसरे को किराया पर दे दिया है। अवर अभियंता नगरीय आबिद अली का कहना है कि तहसीलदार की अध्यक्षता में जांच टीम गठित है। शीघ्र ही जांच टीम जांच कर रिपोर्ट एडीएम को सौंप देगी।
जांच टीम में शामिल अधिकारी
कांशीराम शहरी आवास योजना में आवंटन में की गई धांधली और किराए पर दिए गए फ्लैट की जांच करने के लिए एडीएम ने तहसीलदार देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में टीम गठित की है। इसमें नायब तहसीलदार और नामित दो कर्मचारी, अधिशासी अधिकारी ज्ञानपुर नगर पंचायत और उनकी ओर से नामित दो कर्मचारी, अवर अभियंता नगरीय आबिद अली, परियोजना अधिकारी डूडा और विभाग के दो नामित कर्मचारी, ज्ञानपुर प्रभारी निरीक्षक टीम में शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
बसपा शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत 1500 आवासों का निर्माण कराना था। नगर पंचायत ज्ञानपुर क्षेत्र में कहीं पर भी आवास निर्माण के लिए भूमि नहीं उपलब्ध थी। तत्कालीन चेयरमैन प्रहलाददास गुप्ता और अधिकारियों ने आनन-फानन नगर पंचायत का क्षेत्र विस्तार करते हुए नगर पालिका परिषद का प्रस्ताव शासन में भेज दिया। क्षेत्र विस्तार होते ही कंसापुर और विकास भवन नगरीय क्षेत्र में आ गया। अभी तक न तो क्षेत्र विस्तार हो पाया और पालिका परिषद बन पाया। मनमानी तरीके से आवास आवंटन भी कर दिया गया।