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इज्जत घर में भरा भूंसा, बाहर बांधी बकरी

भावापुर गांव में वैसे शौचालय कई बने हैं लेकिन 90 प्रतिशत टॉयलेट दुर्गति के शिकार हैं। कहीं भूंसा या पुआल रखा गया है तो कुछ इज्जत घर के सामने बकरी बांधी जा रही है। खुले में शौचमुक्त करने का अभियान तो यहां चला लेकिन सोच को बदलने की कोई कोशिश नहीं हुई जबकि बजट उसके लिये भी आया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:20 PM (IST)
इज्जत घर में भरा भूंसा, बाहर बांधी बकरी
इज्जत घर में भरा भूंसा, बाहर बांधी बकरी

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महेंद्र दुबे, ज्ञानपुर, भदोही

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भावापुर गांव में वैसे शौचालय कई बने हैं, लेकिन 90 प्रतिशत टॉयलेट दुर्गति के शिकार हैं। कहीं भूंसा या पुआल रखा गया है तो कुछ इज्जत घर के सामने बकरी बांधी जा रही है। खुले में शौचमुक्त करने का अभियान तो यहां चला, लेकिन सोच को बदलने की कोई कोशिश नहीं हुई जबकि बजट उसके लिये भी आया था। नुक्क्ड़ नाटक और भयावह गंदगी से नुकसान दिखाकर ग्रामीणों को सफाई का महत्व समझाया गया था, फिर भी हकीकत बहुत स्याह है। यह गांव तो सिर्फ बानगी है, ऐसे सैकड़ों गांव हैं जहां विश्व शौचालय दिवस पर आपको हकीकत से रूबरू कराते हैं ..।

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बजट तो बहाया, लेकिन काम नहीं आया

स्वच्छता मिशन के तहत वर्ष 2012-13 में सरकार की ओर से बेसलाइन सर्वे कराया गया था। सर्वे रिपोर्ट में 1995 से आच्छादित 70 हजार परिवारों को छोड़कर करीब डेढ़ लाख परिवारों को शामिल किया गया था। 1.77 लाख शौचालयों का आवंटन किया गया। 50 हजार शौचालयों का निर्माण पहले ही कराया जा चुका है। छूटे हुए 54 हजार परिवारों को भी शौचालय आवंटित करने का लक्ष्य दिया गया है। दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए। बेसलाइन सर्वे के अनुसार जनपद के सभी गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।

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घटिया निर्माण ने कर दिया बेड़ा गर्क

शौचालयों का निर्माण इतना घटिया कराया गया है कि उसका उपयोग लोग नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं छूटे हुए 54 हजार परिवारों को भी शौचालय के लिए बजट आवंटित करने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक शौचालय को महिलाओं की सुरक्षा से भी जोड़ दिया गया है, फिर भी स्थिति जस की तस बनी है। गाइडलाइन की अनदेखी कर ग्राम पंचायतों ने मनमानी तरीके से शौचालयों का निर्माण करा दिया। करोड़ों खर्च करने के बाद भी बनते ही शौचालय ध्वस्त हो गए।

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शौचालय को लेकर लोगों का विचार बदल गया है। हर कोई शौचालय का उपयोग करने के लिए इच्छुक है। घर का निर्माण शुरू कराने के पहले शौचालय निर्माण की बात करने लगे हैं। शुरूआती दौर में ग्राम पंचायत स्तर पर कुछ़ गड़बड़ी कर दी गई है। अब लाभार्थियों के खाते में सीधे बजट भेजा जा रहा है। चेताया जा रहा है कि शौचालय का निर्माण नहीं कराया तो रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। -- सरोज पांडेय, जिला समन्वयक, स्वच्छता मिशन

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एक नजर ---

222403 : आच्छादित परिवार

70362 : बीपीएल परिवार

1.70 लाख : शौचालय गांवों में बने

200 करोड़ : बजट खर्च किया


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