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विकास हुआ धीमा, रफ्तार दीजिये सरकार

मुख्य सचिव जी आप भदोही के विकास की पड़ताल करने जा रहे हैं। सोमवार को इसे लेकर बजरिये वीडियो क्रांफ्रेसिग डीएम से मुखातिब होंगे। उनसे योजनाओं के प्रगति की रिपोर्ट लेंगे तो कुछ दिशा निर्देश भी देंगे। जाहिर है कि कार्रवाई भी करेंगे। आपको जवाब चाहे जो मिले लेकिन सच्चाई यही है कि जिले का विकास चौपट है। इसे रफ्तार देने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 10:46 PM (IST)
विकास हुआ धीमा, रफ्तार दीजिये सरकार
विकास हुआ धीमा, रफ्तार दीजिये सरकार

मुहम्मद इब्राहिम, ज्ञानपुर, भदोही

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मुख्य सचिव प्रत्येक सोमवार को दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक भदोही के विकास पर अफसरों की क्लास लेंगे। अपर मुख्य सचिव दीपक त्रिवेदी के पत्र में कहा गया है कि डीएम से सीधी बात करेंगे। वीडियो कान्फ्रेंसिग से यह क्लास लगेगी। देखें तो इसकी जरुरत भी है। यहां विकास की रफ्तार धीमी हो चुकी है। इसे गति देने की जरुरत है। वैसे विशेष निगाह नौ बिदुओं पर रहेगी, लेकिन धरातल पर उन बिदुओं पर भी जिला काफी पीछे खड़ा है। पॉलीथिन से जिदगी हांफ रही है, वहीं अतिक्रमण ट्रैफिक के दर्द को चार गुना बढ़ा रहा है। आपको दिखाते हैं इन बिदुओं की असल तस्वीर, जिसकी आप सोमवार को दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक समीक्षा करेंगे। यदि आपकी इन बिदुओं पर वास्तव में निगाह गई तो आपका यूं शहर के विकास की चिता करना 17 लाख लोगों के काम आएगा। 75 जिलों में लगेगी ऐसी ही क्लास

भदोही समेत प्रदेश के 75 जिलों में ऐसी ही क्लास मुख्य सचिव लेंगे। हर जगह इन्हीं नौ बिदुओं पर चिता होगी। इनमें गोवंश आश्रय स्थल का संचालन, पॉलीथिन पर प्रतिबंध का क्रियान्वयन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत योजना, अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर कार्रवाई, स्वच्छता, प्रधानमंत्री आवास योजना, गेहूं खरीद व गन्ना मूल्य भुगतान। आवास अधूरे, सपने नहीं हुए पूरे

सुरियावां ब्लाक के कौड़र गांव की आशा विश्वकर्मा को पीएम आवास आवंटित हुआ। प्रथम किस्त 40 हजार रुपये मिली। दीवार तक काम हुआ। दूसरी किस्त 70 हजार खाते में आई। इस बीच उनकी मौत हो गई। ब्लाक अफसरों ने लाभार्थी के पात्र मिले पुत्र राजेश विश्वकर्मा को आवास ट्रांसफर कर दिया। बीडीओ ने धन पुत्र के खाते में ट्रांसफर करने की संस्तुति कर दी, लेकिन यह पैसा आज तक हस्तांतरण नहीं हुआ है। आवास अधूरा पड़ा है, ऐसे सैकड़ों आवास अधूरे पड़े हैं। तत्कालीन सीडीओ हरिशंकर सिंह ने खुद डीघ व ज्ञानपुर ब्लाक में ही 58 आवास अधूरे पकड़े थे, जो कागज पर पूर्ण दिखाए गए थे। शौचालय अधूरे, खेतों में लोटा पार्टी

जिले में स्वच्छता मिशन में पूरी तरह से खानापूर्ति की गई। 92 ग्राम पंचायतों में आज तक शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इन गांवों में लोटा परेड चल रही है। स्वच्छ भारत मिशन योजना का मजाक उड़ाया जा रहा है। कागजी आंकड़ों में शत-प्रतिशत परिवारों को शौचालय से आच्छादित दिखाकर पूरे जिले को ओडीएफ घोषित करा दिया गया था। सूची से रिजेक्ट करने के बाद भी आधे-अधूरे पड़े शौचालयों के निर्माण में तेजी नहीं आ रही है। कूड़े को कहां निस्तारित किया जाय, आज तक कोई व्यवस्था नहीं सुनिश्चित हो सकी। सीवरेज प्लान सिरे से गायब है। 15 जुलाई 2018 को शासन ने पालीथिन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया। खूब रैलियां निकली और अफसरों ने कथित तौर पर कार्रवाई शुरू की। आज फिर बाजारों में धड़ल्ले से पॉलीथिन इस्तेमाल की जा रही है जबकि ज्ञानपुर नगर पंचायत को पालीथिन मुक्त घोषित किया गया है। यह महज चंद दिनों का ही खेल बनकर रह गया।

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