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पात्र होने पर भी वंचित था विद्याशंकर दीक्षित

शासन द्वारा गरीबों को लाभांवित कराने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। नजीर के तौर पर बरमोहनी गांव निवासी स्व. विद्याशंकर दीक्षित के घर की हालत को देखा जा सकता है। विडंबना तो यह है कि उसकी मौत के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा सुधि लेने का प्रयास नहीं किया गया जबकि पति की मौत के बाद विधवा हीरामणि मदद की राह तक रही है। उक्त गांव निवासी विद्याशंकर

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 10:30 PM (IST)
पात्र होने पर भी वंचित था विद्याशंकर दीक्षित
पात्र होने पर भी वंचित था विद्याशंकर दीक्षित

जागरण संवाददाता, मोढ़ (भदोही) : शासन द्वारा गरीबों को लाभांवित कराने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। नजीर के तौर पर बरमोहनी गांव निवासी स्व. विद्याशंकर दीक्षित के घर की हालत को देखा जा सकता है। विडंबना तो यह है कि उसकी मौत के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा सुधि लेने का प्रयास नहीं किया गया जबकि पति की मौत के बाद विधवा हीरामणि मदद की राह तक रही है।

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उक्त गांव निवासी विद्याशंकर दीक्षित पात्र होने के बाद भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित था। सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा भी यहां झूठा साबित हुआ। उक्त परिवार आज भी लालटेन युग में ही जी रहा है। इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन भी उसे नहीं मिला। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जहां पात्रों को लाभांवित किया जा रहा है वहीं विद्याशंकर इससे भी वंचित रखा गया। आरोप है कि इसके लिए ग्रामप्रधान ने उससे पैसे की मांग की थी।

एक तरफ नि-संतान होना तथा दूसरी ओर पात्र होने के बाद भी किसी योजना का लाभ न मिलने से वह कुंठित रहा करता था। इसे लेकर पत्नी से आए दिन विवाद भी होता था। बताते हैं कि पत्नी से झगड़ने के बाद उसने गत रविवार को विषाक्त का सेवन कर जान दे दी थी। हालांकि विद्याशंकर की मौत को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं थीं तथा अब भी गाहे ब गाहे लोग उसकी चर्चा करते देखे जा रहे हैं। कुछ लोग जहां इस घटना को आर्थिक तंगी से जोड़ कर देख रहे तो कुछ लोगों का मानना है कि बेरोजगारी के साथ नि:संतान होने के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया था।

पत्नी हीरामणि को इस बात का मलाल है कि उसके पति की मौत के बाद भी शासन प्रशासन की ओर से उसकी सुधि नहीं ली गई। अब जबकि उसके पास कोई सहारा भी नहीं रह गया है ऐसे में उसकी आंखें किसी मददगार की राह तक रही हैं।

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-मामले की जांच कराई जाएगी: एसडीएम

बरमोहनी निवासी विद्याशंकर दीक्षित पात्र था तो उसे योजनाओं लाभ क्यों नहीं मिला इसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा उसकी पत्नी हीरामणि को शासन द्वारा संचालित योजनाओं से हर संभव लाभांवित कराया जाएगा।

-यमुनाधर चौहान उपजिलाधिकारी भदोही


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