Move to Jagran APP

सरकारी अस्पताल बदहाल, नीम-हकीमों की बढ़ी सक्रियता

एक तरफ सरकार जहां गौ सेवा व संरक्षण का कार्य कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मोढ़ क्षेत्र का बदहाल पशु अस्पताल सरकार के इस कार्य पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था से पशुपालकों को उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। वहीं इसका लाभ उठाकर नीम-हकीमों की सक्रियता बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 06:00 AM (IST)
सरकारी अस्पताल बदहाल, नीम-हकीमों की बढ़ी सक्रियता
सरकारी अस्पताल बदहाल, नीम-हकीमों की बढ़ी सक्रियता

जागरण संवाददाता, मोढ़ (भदोही) : एक तरफ सरकार जहां गौ सेवा व संरक्षण का कार्य कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मोढ़ क्षेत्र का बदहाल पशु अस्पताल सरकार के इस कार्य पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था से पशुपालकों को उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। वहीं इसका लाभ उठाकर नीम-हकीमों की सक्रियता बढ़ गई है।

loksabha election banner

पशु चिकित्सालय का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। मौजूदा समय में इसे ग्रामसभा के पंचायत भवन में चलाया जा रहा है। जहां न कोई दवा है न ही उपचार कोई ठोस व्यवस्था। चिकित्सक व कर्मी भी कब आएंगे, कोई ठिकाना नहीं हैं। सरकारी अभियान आने पर सारा कार्य बस टीकाकरण तक सिमट कर रह गया है।

इसका असर यह है कि नीम हकीमों की सक्रियता बढ़ी है। जो साइकिल व बाइक में थरमस लटकाकर गांवों का भ्रमण कर उपचार के नाम पर पशुपालको का आर्थिक शोषण कर रहे हैं तो वहीं शिक्षा और प्रशिक्षण के अभाव में मनमाना इंजेक्शन लगाकर पशुओं को पीड़ा दे रहे हैं। क्षेत्र निवासी पशुपालक व किसान ज्ञानेश सिंह, सतीश सिंह, गौरव सिंह आदि ने जिलाधिकारी से पशु चिकित्सालय की दशा सुधार की मांग की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.