खतरे के निशान की ओर गंगा, दहशत
पहाड़ी क्षेत्रों के साथ ही स्थानीय स्तर पर लगातार हो रही बारिश से उफनाई गंगा लाल निशान छूने को बेताब दिख रही हैं। दो दिनों से जल स्तर में हो रहे घटाव के बाद रविवार को अचानक वृद्धि होने लगा।
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही) : पहाड़ी क्षेत्रों के साथ ही स्थानीय स्तर पर लगातार हो रही बारिश से उफनाई गंगा लाल निशान छूने को बेताब दिख रही हैं। दो दिनों से जल स्तर में हो रहे घटाव के बाद रविवार को अचानक वृद्धि होने लगा। 11 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहे जल स्तर से तटवर्ती गांव के लोगों में दहशत है। कटान होने से तेज आवाज के साथ गिर रहे करार से लोगों की नींद उड़ गई है। जल स्तर की वृद्धि को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने नान संचालन पर रोक लगा दिया है।
जनपद के तीन विकास खण्ड औराई, ज्ञानपुर, डीघ के अंतर्गत लगभग 45 गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। इनमें से सीतामढ़ी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ और कटान का खतरा सर्वाधिक बना हुआ है। गंगा की धाराओं से तीन तरफ से घिरा कोनिया क्षेत्र सावन और भादो महीने में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है और तटवर्ती इलाकों के लोगों की नींद उड़ जाती है। सीतामढ़ी मीटर रीडिग के अनुसार 81.2 मीटर पर खतरे का निशान है। वर्तमान समय में गंगा का जल स्तर 75.88 पर है।
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इन गांवों की उड़ी नींद : कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांव डीघ, इटहरा, कलिक, मवैया, छेछुआ, भोरा, गजाधरपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, भभौरी, बहपुरा व कूडी आदि गांव।
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कई गांवों में करीब पहुंची दहशत
कई गांवों में दहशत करीब पहुंच चुकी है। प्रभावित गांव छेछुआ, गजाधरपुर, तुलसीकला हैं। रात में कटान होने से तेज आवाज के साथ गिर रहे करार से तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों की नींद उड़ गई है। बताया जा रहा है इसी तरह से जल स्तर बढ़ता रहा तो दो दिनों में गंगा खतरे के निशान को स्पर्श कर लेगा।