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भदोही में पांच बच्चों को गंगा नदी में बहाने वाली मां के खिलाफ केस दर्ज, दो के शव मिले

UP Crime मंजू देवी के पति के तहरीर पर कल देर रात गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक मंजू देवी का उनके पति के साथ अक्सर झगड़ा होता था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 10:46 AM (IST)
भदोही में पांच बच्चों को गंगा नदी में बहाने वाली मां के खिलाफ केस दर्ज, दो के शव मिले
भदोही में पांच बच्चों को गंगा नदी में बहाने वाली मां के खिलाफ केस दर्ज, दो के शव मिले

भदोही, जेएनएन। कारपेट नगरी भदोही के गोपीगंज में शनिवार देर रात मां की ममता को कलंकित करने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पांच बच्चों को गंगा नदी में फेंकने वाली इस महिला के खिलाफ पति ने केस दर्ज कराया है। पांच बच्चों में से दो लड़कियों को शव गोताखोरों को मिले हैं जबकि तीन की तलाश जारी है।

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भदोही के गोपीगंज कोतवाली के जहांगीराबाद गांव की मंजू देवी अपने पांच बच्चों के साथ शनिवार रात गंगा घाट पर पहुंची। तीन बेटियों तथा दो बेटों के साथ वह गंगा नदी के बीच में चली गई। इसके बाद बच्चों को बीच नदी में छोड़ मंजू देवी खुद तैरकर बाहर आ गई। पुलिस के गोताखोरों को दो लड़कियों के शव मिले हैं। पुलिस गोताखोरों की मदद से उन तीनों के तलाश में जुटी है।

मंजू देवी के पति के तहरीर पर कल देर रात गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक मंजू देवी का उनके पति के साथ अक्सर झगड़ा होता था। इससे वह काफी परेशान रहती थी।

मृदुल यादव उर्फ मुन्ना यादव किसी काम से बाहर गया था। रविवार को तड़के करीब ढाई बजे उसकी पत्नी मंजू अपनी पुत्री वंदना (12), रंजना देवी (10 ), शिवशंकर (8), पूजा (6) और संदीप कुमार (3) वर्ष को गंगा घाट पर पहुंच गई। इस समय यहां पर नाव से मछुआरे जाल फैला रहे थे। महिला को देख भयभीत होकर भाग खड़े हुए। एकांत मिलते ही महिला ने तीन बेटियों सहित पांच बच्चों को फेंक दिया। घटना के बाद वह रात में ही घर आकर अपने कमरे में सो गई। सुबह इसकी जानकारी अपनी जेठानी को दी। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सुबह उसका पति मुन्ना भी गंगा घाट पर पहुंच गया। वह इधर-उधर अपने बच्चों को खोजने लगा। मामले की जानकारी होते ही मायके वाले भी पहुंच गए। एसपी ने बताया कि महिला घटना की सटीक जानकारी नहीं दे रही है।

खुद डूब जाती, बच्चों को क्यों डुबोया

गंगा तट पर नजारा दर्द भरा था। एक मां मंजू गंगा को निहारते हुए डूब चुके बच्चों की एक झलक देखना चाह रही थी तो गांव की दूसरी महिलाएं उसे अभागन कह रही थी। वह उसे कोस रही थी। यही कह रही थी कि वे भी तो मां हैं। जिन बच्चों को छाती का दूध पिलाया और पाल-पोसकर बड़ा किया, उन्हें कोई इतनी भयावह मौत कैसे दे सकता है भला। मरना ही था तो अभागन क्यों नहीं डूब गई। बेचारे बच्चों को क्यों डुबो दिया। पांचों बच्चों को पानी में डुबोकर उसे कौन सा सुकून मिला। गांव की महिलाएं उसे हत्यारिन कह रही थी। उनके अंदर बहुत गुस्सा दिखा। लोग उससे सवाल करते लेकिन वह बेसुध सी देखती। सबका मुंह निहारती, लेकिन किसी से कुछ नहीं कहती।  


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