किसान न हों परेशान, राजकीय बीज गोदाम पर होगा समस्या का समाधान
सरकार की बड़ी योजना किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कर चक्कर लगा रहे हैं। आज तक एक भी किस्त की राशि नहीं मिल सकी है। एक दो किस्त आने के बाद पैसा आना बंद हो चुका है। कैसे समस्या का समाधान होगा समझ
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सरकार की बड़ी योजना किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कर चक्कर लगा रहे हैं। आज तक एक भी किस्त की राशि नहीं मिल सकी है। एक दो किस्त आने के बाद पैसा आना बंद हो चुका है। कैसे समस्या का समाधान होगा समझ में नहीं आ रहा है। इसी तरह ओलावृष्टि व बारिश से फसल बर्बाद हो चुकी है। पूरे वर्ष के लिए भोजन की व्यवस्था कैसे होगी, शासन से कोई राहत राशि मिलेगी की नहीं, क्षतिपूर्ति देने की क्या प्रक्रिया है, इस तरह के उठे तमाम सवालों का उप निदेशक कृषि अरविद कुमार सिंह ने न सिर्फ जवाब दिया बल्कि किसानों को बड़ी की बारीकी से समझाया भी की कैसे उनकी समस्या का समाधान हो सकता है। उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी दिक्कत को दूर किया जाएगा। मौका था दैनिक जागरण के फोनिग कार्यक्रम प्रश्न पहर का। शुक्रवार को कार्यालय में मौजूद उप निदेशक ने किसानों के सवालों को पूरे ध्यान से सुना तो समाधान का उपाय सुझाया।
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- सवाल : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया है। किसी की एक भी किश्त नहीं आई है तो किसी की एक-दो किश्त की धनराशि आने के बाद बंद है। क्या करें, जिससे समस्या का समाधान हो, और खाते में निधि की धनराशि आ जाय।
- जवाब : किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया है। एक या फिर दो किस्त आने के बाद यदि पैसा नहीं आ रहा है तो निश्चित ही कोई गड़बड़ी होगी। आधार मिस मैच हो सकता है। ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। चार-चार माह पर धनराशि भेजी जाती है। यदि इस अवधि के बाद भी धनराशि नहीं आई है तो आधार कार्ड व बैंक पास बुक की स्वहस्ताक्षरित छाया प्रति लेकर अपने नजदीकी राजकीय बीज गोदाम पर पहुंचे। वहीं आवेदन की गड़बड़ी को ठीक कराने के लिए व्यवस्था की गई है। यदि एक बार भी पैसा नहीं मिला है तो किसी जन सेवा केंद्र से स्टेट्स निकालकर उसकी भी कापी साथ ले जाएं।
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- सवाल : पिछले दिनों आए चक्रवाती तूफान व ओलावृष्टि के दौरान गेहूं सहित अन्य फसल बर्बाद हो गई। क्षतिपूर्ति मिलने की क्या व्यवस्था है। किसानों को कैसे राहत मिलेगी।
- जवाब : यदि फसल का बीमा कराया है तो कार्यालय में अभिलेख उपलब्ध कराएं। गेहूं फसल की क्राप कटिग कराने के बाद पिछले पांच वर्ष के औसत उपज को आधार बनाकर बनाकर जितनी कम पैदावार होगी उसके सापेक्ष भरपाई की जाएगी। जैसे यदि पांच वर्षों की उपज का औसत दर आठ क्वींटल बीघे रही और इस बार छह क्वींटल है तो दो क्वींटल की क्षतिपूर्ति की जाएगी। क्षतिपूर्ति की राशि उनके खाते में की जाएगी। यदि बीमा नहीं है तो तहसील प्रशासन की ओर से कराये जा रहे सर्वे के आधार पर आपदा राहत कोष से किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
- सवाल : किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया था। स्टेटस में कुछ शो नहीं कर रहा है। क्या करें जिससे योजना का लाभ हासिल हो।
- जवाब : आनलाइन आवेदन का हार्ड कापी के साथ आधार कार्ड व बैंक पास बुक की छाया प्रति लेकर राजकीय बीज गोदाम पर जाएं। वहां से सही जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही कोई दिक्कत होगी तो समस्या का समाधान भी हो जाएगा।
- सवाल : किसान क्रेडिट कार्ड के लिए जितनी भूमि बैंक में बंधक है। क्षतिपूर्ति का लाभ पूरे रकबे की फसल पर मिलेगा की नहीं।
- जवाब : क्राप कटिग के बाद पिछले पांच वर्ष के औसत उपज में जो अंतर आएगा, उसी के सापेक्ष खाते में पैसा जाएगा। पूरे रकबे पर क्षतिपूर्ति का लाभ मिलेगा।
- सवाल : प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना क्या है। किसे मिलेगा।
- जवाब : शासन ने किसानों को प्रति माह 500 रूपये की दर से आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की है। इसके लिए माननीय, सरकारी नौकरी करने वाले, 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले व इनकम टैक्स पेयी इसके लिए पात्र नहीं हैं।
- सवाल : अरहर की फसल फली ले रही है। फलियों में कीड़े लग गए हैं। बचाव के क्या उपाय करें।
- जवाब : अरहर, मटर, चना आदि फसल को कीट रोग से बचाने के लिए फूल लगते समय ही दवाओं का छिड़काव किया जाता है। तभी फलियां सुरक्षित होती है। फलियां लगने के बाद दवा छिड़काव का कोई लाभ नहीं होगा।
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इन्होंने किया सवाल
- जिलाजीत-नागमलपुर, लालचंद-तुलसीपट्टी, हरिश्चंद-चंदापुर, उमेश कुमार यादव-फौदीपुर, जयसुख उपाध्याय- कस्तूरीपुर, अशोक श्रीवास्तव-फत्तूपुर, प्रदीप जायसवाल-चकभुईधर, प्रहलाद सिंह- भगवानपुर चौथार, कमलाकांत तिवारी- तिवारीपुर भवानीपुर, अवधेश कुमार सिंह-बनवारीपुर, राकेश कुमार चौरसिया-भिदिउरा, राकेश कुमार यादव-डेरवां, नरसिंह-कैड़ा, राहुल मिश्रा-हरीपुर, छोटेलाल मौर्य-चौथार सुरियावां, आनंद कुमार सिंह-सूबीपुर जमुनीपुर अठगवां, विकास यादव-छतमी खास, राजन उपाध्याय-महुआपुर, अमरेशचंद पांडेय-छतमी, मुलायम-बनकट मोढ़।