निर्यातकों ने जीएसटी व स्टेट ई-वे बिल पर किया मंथन
जागरण संवाददाता, भदोही : अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने मंगलवार को मर्यादपट्टी स्थित कालीन
जागरण संवाददाता, भदोही : अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने मंगलवार को मर्यादपट्टी स्थित कालीन भवन में निर्यातकों संग बैठक कर जीएसटी व स्टेट ई-वे बिल पर मंथन किया। एकमाध्यक्ष गुलाम शर्फुद्दीन अंसारी ने कहा कि जीएसटी व ई-वे बिल अनिवार्यता से कालीन उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। तय किया गया कि जन प्रतिनिधियों के माध्यम से जल्द ही एकमा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा।
कहा कि भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उधोग असंगठित क्षेत्र के माध्यम से संचालित होता है। कहा कि एकमा के निवेदन पर वित्तमंत्री भारत सरकार व जीएसटी कौ¨सल के चेयरमैन अरुण जेटली ने कालीन सहित सभी हैंडी क्राफ्ट आइटम के अपंजीकृत हस्तशिल्पियों, कामगारों व व्यापारियों द्वारा अंतर्राज्यीय संचरण की अनुमति जीएसटी कौंसिल द्वारा प्रदान की गई है। कहा कि हमारी मांग है कि प्रदेश में भी निर्माण एवं फिनि¨शग जाब वर्क के दौरान संचरण हेतु इंटरस्टेट ई-वे बिल की अनिवार्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की जाए। पूर्व एकमाध्यक्ष रवि पटौदिया ने कहा कि श्रम-प्रधान पारंपरिक हस्तकला के तहत ग्रामीण कुटीर उद्योग है जो 20 लाख से ज्यादा पिछड़े, भूमिहीन एवं अनुसूचित जाति के ग्रामीण बुनकरों एवं हस्त शिल्पियों को रोजगार उपलब्ध कराता है। निर्यात के द्वारा प्रति वर्ष देश के लिए लगभग 10 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। जो छोटे-छोटे बुनकरों कामगारों, उप ठेकेदारों या अकुशल मजदूरों द्वारा संचालित होता है। कहा कि प्रदेश के छोटे छोटे निर्यातक जीएसटी के प्रावधान का पालन करने में सक्षम नही है। तय किया गया कि सांसद, विधायक के माध्यम से वे अपनी मांग सरकार के सामने रखेंगे। इसके लिए जल्द ही एकमा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। बैठक में मानद सचिव पीयुष बरनवाल, शिवसागर तिवारी, अशफाक अंसारी, शमीम अंसारी लल्लन, अरशद वजीरी, हाजी अब्दुल सत्तार, हाजी अब्दुल बारी, वेदप्रकाश गुप्ता, इस्तियाक खां, एच.एन मौर्य, शाहिद अंसारी, शमशुद्दीन अंसारी, एसके ¨सह आदि उपस्थित थे।