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बकरा मंडियों में बाहरी कारोबारियों की आमद कम

कोरोना महामारी के दौर में त्योहारों का रंग फीका हो गया है। ईद की तरह ही बकरीद पर्व को लेकर लोगों में उत्साह का अभाव देखा जा रहा है। एक तरफ जहां लाकडाउन के कारण कामकाज प्रभावित होने से लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार ईदगाह में नमाज की अनुमति नहीं है। ऐसे में पर्व का उत्साह ठंडा पड़ गया है। उधर जानवरों की कम आमद व कीमत अधिक होने के कारण इस बार कुर्बानी करने वालों की संख्या कम होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 05:27 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 05:27 PM (IST)
बकरा मंडियों में बाहरी कारोबारियों की आमद कम
बकरा मंडियों में बाहरी कारोबारियों की आमद कम

जासं, भदोही : बकरीद पर्व की तैयारियों में लोग जुटे हैं। बकरा मंडियों में पहले जैसा उत्साह नहीं है, कुर्बानी के जानवरों की आमद कम है, इसके चलते कीमतें बढ़ी हैं। पड़ोसी जनपदों के साथ दूसरे प्रांतों से भी व्यवसायी कुर्बानी के जानवरों को लेकर आते थे लेकिन अबकी बाहरी व्यवसायियों की आमद नहीं हुई। बाजार में 10 हजार से 45 हजार रुपये मूल्य के बकरे हैं। मध्यम वर्गीय तबका महंगे बकरे नहीं खरीद पा रहा है। रामपुर से आठ बकरें लेकर मंडी आए जमील अहमद ने बताया कि उनके पास 15 से 30 हजार कीमत के बकरे हैं लेकिन लोग आठ से दस हजार वाले बकरे ही तलाश रहे हैं। एक सप्ताह में महज चार बकरों की बिक्री हो सकी है। इसी तरह कपसेठी से आए मुनौवर, झूंसी से आए अजमल भी बिक्री न होने से परेशान हैं।

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