टैक्स में छूट, जीएसटी-पंजीयन में सरलीकरण की आस
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर हर वर्ग की धड़कन तेज है। हर कोई किसी न किसी रूप में राहत पाने की उम्मीद लगाए बैठा है। थोक से लेकर फुटकर व्यापारी भी आस लगाए हुए हैं। उन्हें भी अपने व्यापार की चिता सताए हुए हैं। इस महंगाई के दौर में कैसे वह व्यवसाय कर सकें। उनका जीविकोपार्जन चल सके तो ग्राहकों को भी सस्ते दर
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर हर वर्ग की धड़कन तेज है। हर कोई किसी न किसी रूप में राहत पाने की उम्मीद लगाए बैठा है। थोक से लेकर फुटकर व्यापारी भी आस लगाए हुए हैं। उन्हें भी अपने व्यापार की चिता सताए हुए हैं। इस महंगाई के दौर में कैसे वह व्यवसाय कर सकें। उनका जीविकोपार्जन चल सके तो ग्राहकों को भी सस्ते दर में सामान उपलब्ध हो, वह भी आम बजट में ऐसी सहूलियत चाहते हैं जिससे उनका व्यवसाय भी सुचारू रहे तो ग्राहकों को भी दिक्कत न हो। शुक्रवार को ज्ञानपुर नगर में व्यापारियों से जब सरकार की ओर से फरवरी माह में आम बजट पर उनकी राय लेनी चाही तो वह काफी उत्साहित दिखे। व्यापारी बजट को लेकर काफी उत्साहित थे। व्यापारियों ने बताया कि किसी भी प्रकार की दुकान खोलने के लिए पंजीयन कराना पड़ता है। पंजीयन को लेकर सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। पंजीयन के साथ जीएसटी की प्रक्रिया को सरल करना चाहिए। ताकि रोजमर्रा की सामग्री सस्ती हो। इससे जहां व्यापारी सुचारू रूप से व्यवसाय कर सकेंगे तो ग्राहकों को भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उत्पाद शुल्क में कमी होनी चाहिए। खुदरा व्यापारियों के लिए इनकम टैक्स में विशेष छूट की व्यवस्था की जाए आदि मुद्दे पर लोगों ने खुल कर बात की।
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जिले की आबादी - 17 लाख
जिले में व्यवसायी - करीब एक लाख
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क्या बोले व्यापारी
- व्यवसाय मे लगे किराना दुकानदारों को दुकान का पंजीयन कराना पड़ता है। इसके लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है। पंजीयन की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। इसके साथ ही रोजमर्रा की सामग्री सस्ती होनी चाहिए। सरकार की ओर से मंहगाई पर लगाम लगना चाहिए। इससे खुदरा व्यापारी व गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिले। आम बजट सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी होनी चाहिए।
चित्र.2. कैलाशनाथ पाल
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- आम बजट में खासकर खुदरा व्यापारियों के लिए इनकम टैक्स में विशेष छूट की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार की ओर से 2.50 लाख से उपर की राशि पर इनकम टैक्स देने का प्रावधान है। इससे खुदरा व्यापारी भी इनकम टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। इसलिए इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ाकर कम से कम पांच लाख किया जाए। इससे खुदरा व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। वित्तमंत्री को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
चित्र.3. शिवशंकर शर्मा
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- सरकार की ओर से खासकर मंहगाई पर लगाम लगना चाहिए। रोजमर्रा की सामग्री सस्ती होनी चाहिए। इससे खुदरा दुकानदार व मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा खुदरा व्यापारियों के लिए इनकम टैक्स पर विशेष छूट की व्यवस्था की जाय। इसके साथ ही पेश होने वाला बजट आमजनों के लिए हितकर हो। वित्त मंत्री को इस पर विशेष ध्यान देना होगा।
चित्र.4. गणेश चौरसिया
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- सरकार की ओर से इनकम टैक्स के लिए 2.50 लाख निर्धारित किया गया है। जो काफी कम है। इनकम टैक्स का दायरा कम से कम 5 लाख होनी चाहिए। इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ाना चाहिए। इससे छोटे व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा आमलोगों को भी सहूलियत होगी। आम बजट में व्यापारियों को इनकम टैक्स का विशेष लाभ दिया जाय। साथ ही मंहगाई पर लगाम लगना चाहिए।
चित्र.5. राजेश गुप्ता