स्टेशन पर डिस्पले सिस्टम स्थापना की कवायद फेल
कायाकल्प की प्रक्रिया से गुजर रहे स्थानीय रेलवे स्टेशन की दसा में सुधार तो आ रहा है लेकिन यात्री सुविधाओं संबंधी संसाधनों का अभाव चिता का विषय बना है। विशेषकर ट्रेनों का लोकेशन लेना यात्रियों को लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। उधर उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी स्टेशन पर डिस्पले सिस्टम स्थापित करने की कवायद भी परवान नहीं चढ़ सकी।
जासं, भदोही: कायाकल्प की प्रक्रिया से गुजर रहे स्थानीय रेलवे स्टेशन की दशा में सुधार होता नहीं दिख रहा है। विशेषकर ट्रेनों का लोकेशन लेना यात्रियों को लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। उधर उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी स्टेशन पर डिस्पले सिस्टम स्थापित करने की कवायद भी परवान नहीं चढ़ सकी।
विभाग के अच्छी अर्निंग देने वाला भदोही स्टेशन संसाधनों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। पूछताछ काउंटर पर टिकट परीक्षक को बैठाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक ही सेवा मिल पाती है। ऐसे में यात्री ट्रेनों की लोकेशन के लिए परेशान होते हैं। नया पैनल कक्ष दूर होने के कारण अधिकतर लोग बुकिग क्लर्क से ही जानकारी लेना चाहते हैं। वह भी कुछ बता पाने में असमर्थ साबित होता है। इसे लेकर कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उधर यात्रियों की सुविधा हेतु स्टेशन पर आटोमैटिक डिस्पले स्थापित करने की योजना दो वर्ष पहले बनी थी लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक परवान नहीं चढ़ सकी। सहायक मंडल रेल प्रबंधक (वाराणसी) रविप्रकाश चतुर्वेदी का कहना है कि स्टेशन के सुंदरीकरण के बाद उक्त व्यवस्था भी की जाएगी। कहा कि यात्री सुविधाओं से संबंधित अन्य व्यवस्था के लिए रेलवे ने योजना तैयार की है।