जर्जर दीवार से खतरे में चिकित्सक व मरीज
राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल सोनैचा एवं कोइरौना का हाल पूरी तरह से बदहाल हो चुका है। जर्जर दीवार व छत के चलते चिकित्सक व इलाज कराने पहुंचने वाले बीमार लोगों के ऊपर तक हमेशा खतरा मंडराता रहा रही है। इसके बाद भी महकमा है कि पूरी तरह अनभिज्ञ बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल सोनैचा एवं कोइरौना का हाल पूरी तरह से बदहाल हो चुका है। जर्जर दीवार व छत के चलते चिकित्सक व इलाज कराने पहुंचने वाले बीमार लोगों के ऊपर तक हमेशा खतरा मंडराता रहा है। इसके बाद भी महकमा अनभिज्ञ बना हुआ है।
लगभग तीन दशक पूर्व लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्थापित दोनों चिकित्सालयों में प्रति दिन 20 से 25 लोग इलाज की आस में पहुंचते हैं। लेकिन भवन की स्थिति यह है कि जहां दीवारें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है तो जरा सी बारिश पर छत से इतना पानी टपकने लगता है। चिकित्सक तक अस्पताल भवन में बैठने में हमेशा भय खाते रहते हैं। दवाओं व अन्य सामान को प्लास्टिक से ढंककर सुरक्षित करना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों ने अस्पताल भवनों की दशा सुधारने की मांग जिला प्रशासन के अधिकारियों से की है। इस संबंध में सोनैचा अस्पताल पर तैनात डॉ. सुमन कुशवाहा ने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है।