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18वीं सदी में निर्मित मंदिर की डीएम ने देखा हाल

जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने सोमवार को जीटी रोड बस स्टैंड के समीप स्थित अति प्राचीन मंदिर का हाल देखा। साथ ही रास्ता निर्माण और अतिक्रमण मुक्त कराने का भरोसा दिलाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 10:04 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:06 AM (IST)
18वीं सदी में निर्मित मंदिर की डीएम ने देखा हाल

जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने सोमवार को जीटी रोड बस स्टैंड के समीप स्थित अति प्राचीन मंदिर का हाल देखा। साथ ही रास्ता निर्माण और अतिक्रमणमुक्त कराने का भरोसा दिलाया।

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गोपीगंज बाजार में स्थित अति प्राचीन मंदिर तक रास्ता और साफ-सफाई के लिए स्थानीय लोग जिलाधिकारी से मिले थे। आरोप लगाया था कि प्राचीन मंदिर के आस-पास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। साथ ही पूरे नगर के गंदे पानी से मंदिर घिरा हुआ है। शिवभक्त मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। शिव भक्तों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मंदिर का हाल देखा। भक्तों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। मंदिर का इतिहास

18वीं सदी में काशी के महाराजा श्री नारायण सिंह के समय में बघेल परिवार के वंशजों ने शिव मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर की प्राचीनता अपने आप में स्वयं झलक रही है। मंदिर का निर्माण सुर्खी-चूना से करवाया गया है। प्राचीन शिव मंदिर के तालाब में पिछले कई वर्षों से गोपीगंज नगर पालिका का नाले का गंदा पानी बहाया जा रहा है। इसी मंदिर के बगल में ही राजा तालाब भी स्थित है। नालों के गंदा पानी से मंदिर घिरा हुआ है। शिव भक्तों में सतीश ठठेरा, मिकू ऊमर, दीपक गुप्ता, बाबा लाल, श्रीकांत जायसवाल, दिनेश ऊमर, जितेंद्र गुप्ता, मोहित उमर, मुकुंद उर्फ भाई जी, धर्मराज दुबे, आशीष दुबे आदि थे।


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