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किसानों की फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा मवेशी

सीएम का फरमान मिलते ही अधिकारियों ने जिस तरह से तेजी दिखाई थी उसी तरह सुस्त पड़ते दिख रहे हैं। आलम यह है कि अभी तक बेसहारा मवेशियों को सुरक्षित करने के लिए स्थायी और अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 07:24 PM (IST)
किसानों की फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा मवेशी
किसानों की फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा मवेशी

जागरण संवाददाता , ज्ञानपुर (भदोही): सीएम का फरमान मिलते ही अधिकारियों ने जिस तरह से तेजी दिखाई थी उसी तरह सुस्त पड़ते दिख रहे हैं। आलम यह है कि अभी तक बेसहारा मवेशियों को सुरक्षित करने के लिए स्थायी और अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की व्यवस्था नहीं हो सकी है। खेतों में खड़ी किसानों की फसल चौपट होती जा रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आश्रय स्थल निर्माण को लेकर तेज गति से कवायद चल रही है।

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नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों में बेसहारा मवेशियों की भीड़ लगी हुई है। ऐसा कोई गांव और मोहल्ला नहीं दिखाई पड़ता जहां चार-छह बेसहारा मवेशी टहलते न दिख रहे हों। जो महंगी लागत लगाकर तैयार की जा रही किसानों की फसल के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं साबित हो रहे हैं। फसल बर्बाद होते देख मुख्यमंत्री ने दस जनवरी तक बेसहारा मवेशियों के लिए अस्थायी और स्थायी आश्रय स्थल की व्यवस्था करने का फरमान जारी किया था। यही नहीं पशु पालकों के लिए भी चेतावनी जारी की गई थी कि यदि वह मवेशियों को छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। नगरीय क्षेत्रों में अभी तक शाम होते ही मवेशी छोड़ दिए जाते हैं। फरमान जारी होने के बाद अधिकारियों की ओर से कुछ तेजी दिखाई पड़ रही थी लेकिन अंतिम तिथि खत्म होते ही स्थिति जस की तस हो गई। हकीकत यह है कि बेसहारा मवेशी झुंड बनाकर किसानों की गाढ़ी कमाई को मिट्टी में मिला रहे हैं। जिम्मेदार महकमा इसको लेकर उदासीन बना हुआ है। हालांकि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आई.ए खान ने बताया कि औराई में आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य स्थानों पर भी आश्रय स्थल की तलाश की जा रही है। शीघ्र ही समस्या का निदान हो जाएगा।


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