डेंगू के खौफ से दहशत, मरीजों से पटे अस्पताल
जनपद में डेंगू जैसी घातक बीमारी ने पांव पसार लिया है। इसके चलते लोगों में दहशत देखी जा रही है। आलम यह है कि डेंगू के खौफ के कारण मौसमी बुखार भी लोगों के लिए हौवा साबित हो रहा है। यही कारण है कि इन दिनों लगभग सभी बड़े निजी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित रोगियों की गंभीरता से जांच पड़ताल की जा रही है। मलेरिया व डेंगू जैसी
लापरवाही
-सामान्य बुखार भी बन रहा दहशत का कारण
-निजी अस्पतालों में बुखार के रोगियों का तांता
जागरण संवाददाता, भदोही : जनपद में डेंगू जैसी घातक बीमारी ने पांव पसार लिया है। इसके चलते लोगों में दहशत का माहौल है। चिकित्सक की मौत के बाद गांव से लेकर नगर तक लोग सहमे हुए हैं। आलम यह है कि डेंगू के खौफ के कारण मौसमी बुखार से भी लोग भयभीत हैं। जिम्मेदार महकमा इस बीमारी को लेकर गंभीर होता नहीं दिख रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक अभय ¨सह की मौत के बाद डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। कई अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के उपचार की पुष्टि तथा इससे पीड़ित रोगियों की मौत के बाद डेंगू का भय बढ़ गया है। हालांकि अधिकतर लोग इसके वायरस व लक्षण आदि से अब भी अनभिज्ञ हैं यही कारण है कि मामूली बुखार चढ़ते ही लोग दहशत में आ जाते हैं। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि इसमें घबराने की बात नहीं है। इसके कुछ लक्षण हैं उसे स्पष्ट होते ही विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। डा. शफाअत इमाम सिद्दीकी (एमडी) बताते हैं कि बदलते मौसम के कारण बुखार व मलेरिया जैसे बीमारियों में इजाफा हो जाता है। ऐसे में जागरूकता व सही समय पर चिकित्सकों की सलाह लेकर मलेरिया व डेंगू जैसे बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होने डेंगू के बारे में बताया कि शुरूआती दौर में सामान्य सा लगने वाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। समय पर सही इलाज हो तो हालात कंट्रोल में रहते हैं। उन्होंने बताया कि आम तौर पर स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स शरीर की ब्ली¨डग रोकने का काम करती है। प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाए तो इसकी वजह डेंगू हो सकता है। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को तत्काल हास्पिटल में भर्ती कराना चाहिए।