वितरण का दावा , बगैर स्वेटर पहुंच रहे नौनिहाल
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को ठंड से राहत देने के लिए संचालित निशुल्क स्वेटर वितरण योजना के तहत 1.42 लाख बच्चों को स्वेटर बांटने का आकड़ा पेश कर दिया गया है। बावजूद इसके स्कूलों में तमाम बच्चे बगैर स्वेटर के दिखाई पड़ रहे हैं। उधर स्वेटर वितरण में
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय स्कूलों में बच्चों को ठंड से राहत देने के लिए संचालित नि:शुल्क स्वेटर वितरण योजना के तहत 1.42 लाख बच्चों को स्वेटर बांटने का आंकड़ा पेश कर दिया गया है। बावजूद इसके स्कूलों में तमाम बच्चे बगैर स्वेटर के दिखाई पड़ रहे हैं। उधर स्वेटर वितरण में जमकर हुए खेल से नामित संस्थाओं की ओर से भेजे गए स्वेटर बच्चों के शरीर पर फिट नहीं बैठ पा रहे हैं। ऐसे में तमाम बच्चों को मिलने के बाद भी स्वेटर का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विशेषकर कक्षा सात व आठ के बड़े बच्चों के स्वेटर उनके शरीर पर फिट नहीं हो पा रहे हैं। केस 1 : पूर्व माध्यमिक विद्यालय रोटहां में सभी बच्चों को स्वेटर का वितरण तो कर दिया गया है। कक्षा आठ के आठ बच्चों का स्वेटर छोटा है। जो उनके शरीर पर फिट नहीं बैठ रहा है। हालांकि बच्चों को यह बोला गया है कि उनके स्वेटर को वापस कर नया दिया जाएगा। केस 2 : प्राथमिक विद्यालय सुरियावां प्रथम में पंजीकृत 156 के सापेक्ष 140 को स्वेटर का वितरण किया गया है। बावजूद इसके तमाम बच्चे बगैर स्वेटर के ही विद्यालय पहुंचे थे। प्रधानाध्यापक अनीता देवी ने बताया कि 16 बच्चों को विद्यालय न आने के चलते स्वेटर नहीं मिल सका है। जैसे ही आएंगे वितरित कर दिया जाएगा। केस 3 : प्राथमिक विद्यालय चकटोडर में नामित सभी बच्चों को स्वेटर का वितरण कर दिया गया है। हालांकि अभी सभी बच्चे स्वेटर पहनकर विद्यालय नहीं पहुंचे थे।
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कक्षा आठ के बच्चों को मिला छोटा स्वेटर
- मंडलायुक्त ने फरमान जारी किया था कि 30 नवंबर तक स्वेटर का वितरण अनिवार्य रूप से कर दिया जाय। शासन की ओर से नामित संस्थाओं की ओर से 1.47 लाख के सापेक्ष भेजे गये 1.42 लाख स्वेटर का वितरण बच्चों को किया जा चुका है जबकि विशेषकर वितरण के लिए भेजी गई सबसे बड़ी साइज 38 नंबर का स्वेटर कक्षा सात व आठ के अधिकतर बच्चों को छोटा पड़ रहा था। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नामित संस्था की ओर से विद्यालयों में भेजे गए स्वेटर के सत्यापन में कई खंड शिक्षाधिकारियों ने यह रिपोर्ट भी लगाई है कि सेंपल व बाद में भेजे गए स्वेटर में एक से दो इंच का अंतर है। इसके बाद भी इसे बंटवा दिया जा रहा है। वैसे इस संबंध में जिला समन्वयक आरके सिंह का कहना रहा कि जिन बच्चों का स्वेटर छोटा पड़ा है। उसे संस्था को वापस करने की प्रक्रिया चल रही है। उसके स्थान पर दूसरा स्वेटर मंगाया जाएगा। शेष बच्चों का स्वेटर आते ही वितरित किया जाएगा।