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श्मशान घाटों की निगरानी करेंगे सचिव, अंतिम संस्कार को मिलेगा 5,000

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) पूर्वांचल के गाजीपुर व बिहार प्रांत में गंगा में उतराएपूर्वांचल के गाजीपुर व बिहार प्रांत में गंगा में उतराए मिले शव की घटना ने पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी हलचल मचा दी है। मि

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 04:43 PM (IST)
श्मशान घाटों की निगरानी करेंगे सचिव, अंतिम संस्कार को मिलेगा 5,000
श्मशान घाटों की निगरानी करेंगे सचिव, अंतिम संस्कार को मिलेगा 5,000

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पूर्वांचल के गाजीपुर व बिहार प्रांत में गंगा में उतराए मिले शव की घटना ने पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी हलचल मचा दी है। इसके साथ ही शासन की ओर से कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए जारी किए गए दिशा निर्देश के पालन में की जा रही लापरवाही की भी पोल खोलकर रख दी है।

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जिले में इस तरह का कोई मामला सामने न आने पाए, दाह संस्कार होने वाले समस्त गंगा घाटों व अन्य स्थलों की ग्राम पंचायत सचिवों के जरिए निगरानी कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही यह निर्देश भी जारी किया गया है कि कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उनके शव को किसी भी हाल में खुला नहीं छोड़ा जाए। यदि स्वजन इनकार करते हैं तो ग्राम पंचायत की ओर से उनके धर्म व रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार सुनिश्चित कराया जाए। कोरोना संक्रमित की मौत पर शव का अंतिम संस्कार करने में किसी तरह की आर्थिक समस्या न आने पाए, शासन स्तर से पीड़ित परिवार को 5000 रुपये तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही यह भी निर्देश है कि यदि उनके स्वजन शव लेने के इनकार करते हैं तो ग्राम पंचायत की ओर से कोविड नियमों का पालन करते हुए उक्त धनराशि खर्च कर अंतिम संस्कार कराया जाएगा। इसके बाद भी गाजीपुर व बिहार में बड़ी संख्या में मिले शवों को देखते हुए माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के चलते उनका उचित रूप से अंतिम संस्कार नहीं हो पाया और शव को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया। घटना को संज्ञान में लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी बालेशधर द्विवेदी ने समस्त सहायक विकास अधिकारियों को गंगा घाटों की सचिवों के जरिए निगरानी कराने का निर्देश दिया है कि ऐसी स्थित कदापि न आने पाए। यदि कोई शव का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ है या फिर इनकार करता है तो निर्धारित शासकीय धनराशि को खर्च कर अंतिम संस्कार कराया जाय।

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कोरोना में तार-तार हो रही मानवता

- कोरोना संक्रमण को लेकर भले ही लोग लापरवाह बने हैं। नगर व बाजारों में उमड़ने वाली भीड़ में शारीरिक दूरी का पालन करने के प्रति भी सचेत नहीं हो रहे हैं। जबकि संक्रमण से होने वाले मौतों के बाद मानवता तक तार-तार होते दिख रही है। यहां तक लोग अपने ही परिवार के सदस्य का शव लेने से इनकार कर दे रहे हैं तो विधि विधान से अंतिम संस्कार भी करने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। गाजीपुर व बिहार में मिले शव शायद इसी का परिणाम है। लोगों को अब भी बचाव के लिए सावधानी बरतने के प्रति सचेत होना पड़ेगा।


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