Move to Jagran APP

उम्मीद लेकर आते, निराश होकर जाते

जागरण आफिस लाइव में टीम सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी व अभिहीत अधिकारी कार्यालय की पड़ताल में जो सामने आया। उससे महज यही साबित होता दिख रहा है कि कार्यालय में आने वाले दूर-दराज के फरियादियों को समस्या का समाधान दूर न होने से निराश होकर वापस होने की लाचारी दूर होती नहीं दिख रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 07:27 PM (IST)
उम्मीद लेकर आते, निराश होकर जाते
उम्मीद लेकर आते, निराश होकर जाते

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) : जागरण आफिस लाइव में टीम सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी व अभिहीत अधिकारी कार्यालय की पड़ताल में जो सामने आया। उससे महज यही साबित होता दिख रहा है कि कार्यालय में आने वाले दूर-दराज के फरियादियों को समस्या का समाधान न होने से निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। पड़ताल में सुबह 9.25 से 10.00 बजे के बीच दोनों विभाग के अधिकारियों की अपने कार्यालय में उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई।

loksabha election banner

निर्वाचन के दौर में जागरण आफिस लाइव के पड़ताल में जब कलेक्ट्रेट में स्थित सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की पड़ताल किया गया तो कार्यालय खुला मिला। कार्यालय में मौजूद तीन की संख्या में कर्मी अपने पटल पर मुस्तैद भी मिले। लेकिन कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी की कुर्सी खाली रहने से निर्वाचन की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त किए जाने के दावे पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है। हालांकि टीम को देख मौजूद कर्मियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आए फरियादी भी भटकते मिले। हालांकि इस संबंध में कार्यालय में मौजूद कर्मियों की मानें तो सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कहीं चुनावी भ्रमण पर निकले थे। कार्यालय में मतदाता सूची में नाम शामिल कराने को रामरायपुर निवासी रमेश गौतम ने कहा कि कई बार आने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। टीम ने पड़ताल में जब अभिहीत अधिकारी कार्यालय की ओर रुख किया तो वहां का नजारा तो कुछ अलग ही बयां कर रहा था। जनता दर्शन के वक्त कार्यालय में लटक रहा ताला अधिकारियों की उपस्थिति की सच्चाई खुद बयां कर रहा था। जब कार्यालय में ताला लटक रहा है तो बाजारों में बिक रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सही करने की बात ही बेमानी साबित होगी। कमोवेश यही हाल भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में भी देखा गया। कारण जो भी हो लेकिन निर्धारित समय पर अधिकारियों के कार्यालय में गैर मौजूदगी की रवैया में सुधार होता नहीं दिख रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.