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माता-पिता को सौंपा गया बाल श्रमिक

कालीन कंपनी से किसी तरह बचकर भागे व भदोही रेलवे स्टेशन से गत दिनों बरामद बालश्रमिक को मंगलवार को न्यायालय बाल कल्याण समिति ने माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया। इसके बाद बालक को उन्हें सुपुर्द करते हुए निर्देशित किया गया कि वह प्रत्येक माह के पहली तारीख को उसके उचित संरक्षण की जानकारी न्यायालय को छह माह तक देते रहेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 07:36 PM (IST)
माता-पिता को सौंपा गया बाल श्रमिक
माता-पिता को सौंपा गया बाल श्रमिक

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कालीन कंपनी से किसी तरह बचकर भाग निकले व भदोही रेलवे स्टेशन से गत दिनों बरामद बाल श्रमिक को मंगलवार को न्यायालय बाल कल्याण समिति ने माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया। इसके बाद बालक को उन्हें सुपुर्द करते हुए निर्देशित किया गया कि वह प्रत्येक माह के पहली तारीख को उसके उचित संरक्षण की जानकारी न्यायालय को छह माह तक देते रहेंगे। अपने बच्चे को पाकर माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।

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भदोही शहर के पीरखानपुर मोहल्ले स्थित कालीन कारखाने से किसी तरह भागकर 11 वर्षीय बालक ईशा मोमिन निवासी जनपद मालदा, पश्चिम बंगाल 15 अक्टूबर को रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। मौके पर पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम ने उसे अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। जहां से उसे महिला स्वधार केंद्र ज्ञानपुर के संरक्षण में भेज दिया गया था। मंगलवार को बालक को श्रम प्रवर्तन अधिकारी भदोही की ओर से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए जांच व कार्रवाई रिपोर्ट के बाद न्यायपीठ के सदस्य दीपक कुमार रावत, आनंद कुमार दुबे, अर्चना सिंह ने यह आदेश दिया। इस मौके पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रतिमा मौर्या, इंद्रजीत तिवारी, रामविलास बिद, दीपक मौर्या थे।


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