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दिवाली मनाएं ग्रीन, पर्यावरण करें क्लीन

दीपावली पर पटाखा फोड़कर खुशी जाहिर करने की परंपरा अब बदलनी चाहिए कारण कि पटाखा से पर्यावरण की हानि तो हो ही रही है आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 11:35 PM (IST)
दिवाली मनाएं ग्रीन, पर्यावरण करें क्लीन
दिवाली मनाएं ग्रीन, पर्यावरण करें क्लीन

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : दीपावली पर पटाखा फोड़कर खुशी जाहिर करने की परंपरा अब बदलनी चाहिए, कारण कि पटाखा से पर्यावरण की हानि तो हो ही रही है, आंखों की रोशनी भी जा सकती है। रासायनिक धुएं से पर्यावरण दूषित तो होगा, साथ में ध्वनि प्रदूषण भी खूब फैलेगा। सजगता से ही पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सकता है। पर्यावरण की शुद्धता रखने के लिए अबकी मिट्टी के दीये जलाने का हमें संकल्प लेना चाहिए। ग्रीन दिवाली मनाने का संकल्प लेना होगा।

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- पर्व पर पटाखा का इस्तेमाल न करें। इससे आपके सेहत को नुकसान पहुंचने के साथ पर्यावरण प्रदूषित होता है। इसका धुआं आंख के लिए नुकसानदेह है। विस्फोट करने पर हार्ट आदि गंभीर रोगों से बीमार व वृद्धों के लिए खतरनाक साबित होता है। दीपों से पर्व मनाकर खुद और परिवार की खुशी कायम रखें। मैं तो खुद के साथ परिवार के लोगों को पटाखों से बहुत दूर रखता हूं।

फोटो 13 ---- डा. पीके सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।

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- रोशनी के पर्व पर पटाखा का कतई प्रयोग न करें। इससे निकलने वाली चमक भले ही कुछ समय के लिए खुशी देती हो लेकिन इसके प्रभाव का आभास हमें तब होता है जब यही पटाखे मौत का कारण बन जाते हैं।

फोटो 14 ---- डा. रणजीत सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, केएनपीजी कालेज, ज्ञानपुर ----------

- दीपावली के पर्व पर विशेष विधान लक्ष्मी-गणेश के पूजन का भी है। फोड़े जाने वाले पटाखे बर्बादी की वजह साबित हो रहे हैं। पटाखों के विस्फोट से अनहोनी घटनाएं भी होती हैं, जिससे परिवार व संबंधियों के त्योहारों में खलल पड़ जाता है। चित्र.. 15. ईशान वर्मा।

--------- - पर्व को हंसी-खुशी के साथ मनाने को पटाखा से दूरी जरूरी है। पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी होती है। पटाखा का प्रयोग मतलब प्रदूषण को बढ़ावा देकर फैल रही घातक बीमारियों से लोगों को मुसीबत में डालना।

- चित्र.. 16. कृष्ण जायसवाल। --------------

- पटाखा प्रयोग नहीं कर हम बढ़े प्रदूषण को कम करने में सहयोग कर सकते हैं। पटाखों का धुंआ स्वास्थ्य के लिए बहुत ही घातक है। अधिक प्रयोग से रोग बढ रहा है तो प्रदूषण भी तेजी से फैल रहा है। - चित्र.. 17. प्रतीक यादव।

----------- -दीपों का पर्व दीपावली मनाने के साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है। हर हाल में पटाखा से दूर रहें। रासायनिक धुएं से फैल रहे प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सजग रहना जरुरी है।

- चित्र.. 18. सुमित सोनकर।


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