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कालीन उत्पादन ठप, फिनिशिग कार्य प्रभावित

बारिश के कहर व मौसम की बेरुखी के चलते कालीन उत्पादन कार्य लगभग ठप हो गया है। तैयार कालीनों की फीनिशिग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। विशेषकर आउटडोर होने वाले कार्य जहां पूरी तरह ठप है वही इनडोर कार्य भी बाधित हैं। इसके कारण कालीन उद्यमियों की चिता बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि सप्ताह भर इसी तरह मौसम रहा तो समय से आर्डर पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। इससे निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। यही कारण है कि व्यवसायी मौसम साफ होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:17 AM (IST)
कालीन उत्पादन ठप, फिनिशिग कार्य प्रभावित

जासं, भदोही : बारिश के कहर से कालीन उत्पादन ठप हो गया है। कालीनों की फीनिशिग भी प्रभावित है। आउटडोर होने वाले कार्य पूरी तरह बंद हैं, इनडोर कार्य बाधित है। कालीन उद्यमियों की चिता बढ़ी है। लोगों का कहना है कि सप्ताह भर इसी तरह मौसम रहा तो समय से आर्डर पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। निर्यात भी प्रभावित हो सकता है।

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पिछले दिनों अनवरत हुई बारिश से कालीन नगरी में तबाही का आलम है। दो दर्जन कालीन कारखानों में पानी घुस गया वहीं कई कालीन गोदाम भी जलमग्न हो गए। भूमिगत गोदामों में बारिश का पानी घुसने से लाखों की चपत लगी। टेढ़ा, लेटेक्सिग, धुलाई व रंगाई सहित अन्य आउटडोर कार्य भी ठप हैं। वरिष्ठ कालीन निर्यातक जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि कालीन उद्योग को बारिश के चलते भारी क्षति उठानी पड़ी है। कामकाज ठप होने से आर्डर पूरा करना मुश्किल हो गया है। एक्सपोर्टर श्याम नारायण यादव भी मौसम को लेकर चितित हैं। कालीन व्यवसाय में मौसम का अनुकूल होना आवश्यक है।

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पलायन करने लगे हैं मजदूर :- कालीनों के विभिन्न कार्यों से जुड़े हजारों मजदूरों व बुनकरों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया। दूसरे प्रांतों से आकर रंगाई व धुलाई का काम करने वाले मजदूर पलायन करने लगे हैं। कालीनों की धुलाई कराने वाले सहाबाबाद निवासी कंहैयालाल मौर्या का कहना है कि एक सप्ताह से धुलाई कार्य ठप है। मौसम में सुधार की अधिक संभावना नहीं है। यही कारण है कि बिहार, मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रांतों के मजदूर घर वापसी कर रहे हैं।


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