चित्र.1 से 5 तक--- दो दिन में ठप पड़ा अभियान, जनता परेशान
नगर के पुरानी बाजार स्थित सड़क पर आपस में लड़ते हुए दो बेसहारा मवेशी पास ही सब्जी की दुकान पर पहुंच गए। दुकानदार की पूरी सब्जी उनके पैरों तले पड़ने से बर्बाद हो उठी। पूरे दिन भर की कमाई समाप्त हो गई। इसके साथ ही कुछ देर से लिए अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हुई सो अलग से। सड़कों पर टहल रहे बेसहारा मवेशियों के चलते
अनदेखी
- ज्ञानपुर नगर में बेसहारा मवेशियों की भरमार, कैसे मिले निजात
- सड़क हादसों के बन रहे कारण, हमले से घायल हो रहे राहगीर
जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : नगर के पुरानी बाजार स्थित सड़क पर आपस में लड़ते हुए दो बेसहारा मवेशी पास ही सब्जी की दुकान पर पहुंच गए। दुकानदार की पूरी सब्जी उनके पैरों तले पड़ने से बर्बाद हो उठी। पूरे दिन भर की कमाई समाप्त हो गई। इसके साथ ही कुछ देर से लिए अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हुई सो अलग से। सड़कों पर टहल रहे बेसहारा मवेशियों के चलते आए दिन उत्पन्न हो रहे इस तरह के नजारे से जहां लोगों को दिक्कत हो रही है तो फल,सब्जी विक्रेताओं से लेकर किराना की दुकानदारों तक को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीच रास्ते सड़क पर भिड़ जा रहे मवेशियों से स्कूली बच्चों व आम राहगीरों के लिए भी खतरा बना है। लोग परेशान हैं तो छुटकारा दिलाने के नाम पर जिला मुख्यालय नगर ज्ञानपुर में चला अभियान दो दिन में ही ठप पड़ चुका है। मवेशी सड़क से लेकर गलियों तक उत्पात मचा रहे हैं तो इन्हें पकड़ने के लिए लाखों रुपये खर्च कर क्रय किया गया काऊ कैचर महज दिखावे का सामान बनकर रह गया है। सड़क से लेकर खेतों तक में टहल रहे मवेशियों को आसरा देने को लेकर गंभीर शासन ने फरमान जारी कर रखा है कि मवेशियों को पकड़कर आश्रय स्थल पहुंचाया जाय। इसे लेकर ज्ञानपुर सहित अन्य नगरों में काऊ कैचर वाहन की भी खरीद की गई। बावजूद इसके मवेशियों को पकड़ने का कोई ठोस अभियान चलता नहीं दिख रहा है। नगर में राहगीर से लेकर दुकानदार तो ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इनकी मार से त्रस्त हैं तो जिम्मेदार अनदेखी करने में मस्त। पिछले दिनों मवेशियों को पकड़ने के लिए शुरू किया गया अभियान भी खानापूर्ति तक सिमटकर रह गया। दो-चार मवेशियों को पकड़कर अभियान को पूरी तरह ठप कर दिया गया है।
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क्या बोले लोग
- नगर की प्रत्येक सड़कों पर दो-चार बेसहारा मवेशी टहलते दिख रहे हैं। जो आए दिन लोगों की दुकानदारी तक चौपट कर दे रहे हैं। निजात दिलाने की कोई पहल नहीं हो रही है। अभियान भी चला तो वह केवल खानापूर्ति तक सिमटकर रह गया।
चित्र.2--हरीलाल
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- बेसहारा मवेशियों के चलते विशेषकर बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा खतरा बना रहता है। कुछ मवेशी ऐसे हो गए हैं जो आए दिन राह चलते लोगों पर अचानक हमला कर देते हैं। इससे स्कूली बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा खतरा बना रहता है।
-चित्र.3--ओमप्रकाश
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- नगर में सड़कों पर टहलते मवेशी समस्या बढ़ा रहे हैं तो गांवों में किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। जबकि शासन की ओर से बेसहारा मवेशियों को आसरा देने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है। इन्हें पकड़कर आश्रय स्थल पहुंचाने को लगातार अभियान चलाना चाहिए।
चित्र.4--अनिल पांडेय
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- बेसहारा मवेशी आए दिन दुकानदारी को खराब कर देते हैं। लड़ते हुए अचानक दुकान में घुस जाने के सब्जी, फल कब खराब हो जाएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में अन्नदाताओं पर मेहनत पर पानी फिर रहा है। निजात दिलाने की सार्थक कोशिश नहीं हो रही है।
चित्र.5--राजेश मालवीय