एजेंसी संचालकों के लिए गले की फांस बने बीएस-4 वाहन
जासं, भदोही : देश की शीर्ष अदालत के सख्त आदेश के बाद बाइक कंपनियों व एजेंसी संचालकों की नींद उड़ गई ह
जासं, भदोही : देश की शीर्ष अदालत के सख्त आदेश के बाद बाइक कंपनियों व एजेंसी संचालकों की नींद उड़ गई है। एक अप्रैल से बीएस-4 वाहनों की बिक्री व रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद से एजेंसियों पर सिर्फ बीएस-6 बाइक की ही बिक्री की जा सकती है। इसके कारण एजेंसी में रखी बाइकों की बिक्री करना संचालकों के लिए चुनौती है। वाहनों का स्टाक रखने वालों के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जनपद के एक दर्जन से अधिक दो पहिया वाहन एजेंसियों में वर्तमान समय ढाई हजार से अधिक बीएस-4 वाहन हैं। उनके पास डेढ़ माह से भी कम समय है। ऐसे में स्टाक वाहनों की बिक्री करना टेढ़ी खीर साबित होगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद एजेंसी संचालकों ने तीन से सात हजार की छूट पर वाहन की बिक्री शुरू कर दी है।
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से देश की शीर्ष अदालत ने मोटर कंपनियों को दिशा निर्देश जारी कर रखा है। इस क्रम में वाहन कंपनियां कम प्रदूषण वाले वाहनों का निर्माण कर रही हैं। 24 अक्टूबर 2018 में ही शीर्ष अदालत ने इस आशय का निर्देश जारी कर दिया था। इस संबंध में आटो मोबाइल डीलरों ने शीर्ष अदालत से एक माह की मोहलत मांगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया। उधर एजेंसियां में बीएस-4 वाहनों से भरी पड़ी हैं। ऐसे में एजेंसी संचालकों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। बताते चलें कि कृष्णा हीरो एजेंसी में वर्तमान समय 800 बीएस-4 बाइक हैं तो बजाज एजेंसी में 275 वाहन हैं। इसी तरह विश्वकर्मा टीवीएस में 300 बाइक हैं तो भदोही होंडा में 140 बीएस-4 वाहन हैं। इसी तरह जनपद की अन्य एजेंसियों में दो सौ से पांच सौ तक वाहन स्टाक में हैं। इन्हें हर हाल में 31 मार्च तक बेचना है। भदोही होंडा एजेंसी के संचालक मनोज यादव का कहना है कि उनके पास 140 वाहन हैं वे 31 मार्च तक समस्त वाहनों को बेच लेंगे। लेकिन जिनके पास अधिक वाहन हैं उनके लिए चिता की बात है। तीन से सात हजार तक की छूट
खतरे को भांपते हुए एजेंसी संचालकों ने ग्राहकों को छूट देना शुरू कर दिया है। इस दौरान तीन से सात हजार की छूट दी जा रही है। हीरो की बाइक में तीन से पांच हजार तो बजाज एजेंसी सात हजार तक की छूट दे रही है। इसी तरह अन्य एजेंसी संचालक भी ग्राहकों को कीमत से कम रेट पर वाहन बेच रहे हैं। हालांकि यह अभी शुरुआत है। मार्च के दूसरे सप्ताह में भारी छूट मिलने की पूरी संभावना है। यही कारण है कि फिलहाल वाहनों की खरीद के प्रति अभी ग्राहकों में अधिक रुचि नहीं देखी जा रही है। एजेंसी संचालकों का कहना है कि ग्राहक खरीदारी कर रहे हैं। 2017 में बीएस-3 से मिली थी मुक्ति
वर्ष 2016 तक बीएस-3 वाहनों की अत्यधिक बिक्री होती थी। हालांकि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अप्रैल वर्ष 2017 में बीएस-3 की बिक्री बंद कर बीएस-4 की बिक्री शुरू हुई थी। उस दौरान भी एजेंसी संचालकों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। प्रतिबंध की समयावधि समाप्त होने के दौरान 15 से 20 हजार की छूट पर वाहन बेचे गए थे।