Bhadohi News: गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का आंकड़ा जुटाने में उलझा प्रशासन, चंदे से चलने वाले तीन मिले
महकमे से लेकर जिम्मेदार तहसील प्रशासन आंकड़ा जुटाने की कवायद में उलझे हैं। लेखपालों के जरिए मदरसों की जानकारी एकत्र कराई जा रही है। बहरहाल जो भी हो लेकिन सर्वे कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा होते नहीं दिख रहा है।
ज्ञानपुर (भदोही), जागरण संवाददाता। जनपद में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे कार्य को पूरा करने को लेकर पांच अक्टूबर की तिथि तय की गई है। जबकि अभी महकमे से लेकर जिम्मेदार तहसील प्रशासन आंकड़ा जुटाने की कवायद में उलझे हैं। लेखपालों के जरिए मदरसों की जानकारी एकत्र कराई जा रही है। बहरहाल जो भी हो लेकिन सर्वे कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा होते नहीं दिख रहा है।
शासन स्तर से पूरे प्रदेश में बगैर मान्यता के चल रहे मदरसों में उपलब्ध सुविधाओं का सर्वे कराने का निर्देश जारी किया गया है। इसके तहत पांच अक्टूबर तक सर्वे कार्य को पूरा कर 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी को सौंपने की समय सीमा तय की गई है। सर्वे के लिए तहसीलवार सर्वे के लिए टीम गठित कर दी गई है। सर्वे की प्रगति कार्य को देखा जाय तो अभी मदरसों की संख्या जुटाने में जुटा है।
तीन मदरसे गैर मान्यता प्राप्त
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद ने बताया कि तहसील प्रशासन की ओर से मदरसों की रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही विभाग से भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालक-प्रबंधकों से जानकारी मांगी गई है। बताया कि अभी तीन मदरसों की जानकारी मिली है।
चंदे की धनराशि से होता है संचालन
गैर मान्यता प्राप्त अधिकतर मदरसों के संचालन की व्यवस्था चंदे की धनराशि से की जाती है। ज्यादातर मदरसे एक या दो कमरे में संचालित होते हैं, जिनमें मात्र एक-दो शिक्षक रखकर बच्चों को दीनी तालीम दिलाई जाती है। जबकि बच्चों को और शिक्षा परिषदीय व अन्य विद्यालयों में दी जाती है।
इन बिंदुओं पर होगा सर्वे
मदरसे का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, स्थापना वर्ष, मदरसे की स्थिति निजी अथवा किराए के भवन में, मदरसा भवन व उसमें पेयजल, फर्नीचर, विद्युत, शौचालय आदि की स्थिति, छात्र-छात्राओं की संख्या, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत, मदरसे के बच्चे अन्य विद्यालय में नामांकित हैं, किसी गैर सरकारी समूह-संस्था से संबद्धता हो तो इसकी जानकारी।