भदोही व सोनभद्र के डीएसओ ने नहीं दिया जवाब, आयोग में अपील
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोटेदारों की ई-पॉस मशीन संचालन के लिए लगे इंजीनियरों की दक्षता क
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोटेदारों की ई-पॉस मशीन संचालन के लिए लगे इंजीनियरों की दक्षता की जानकारी न देने पर मामला राज्य सूचना आयोग की चौखट पर पहुंच गया है। आरटीआइ आवेदक की ओर से उपायुक्त खाद्य से मांगी गई जानकारी भदोही व सोनभद्र के डीएसओ की ओर से उपलब्ध नहीं कराई गई।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए कोटेदारों को ई-पॉस मशीन दिया गया है, जिससे बायोमीट्रिक प्रणाली के तहत अंगूठा लगाकर सत्यापन के बाद ही कार्डधारक को उसके हिस्से का खाद्यान्न मिलता है। मशीन संचालन व खराबी आने पर मरम्मत करने के लिए निविदादाता कंपनी द्वारा इंजीनियरों की तैनाती का अनुबंध किया गया है। इंजीनियरों की काबिलियत को सार्वजनिक करने के लिए जब आरटीआइ कार्यकर्ता ने अधिनियम के तहत विध्याचल मंडल के उपायुक्त खाद्य विभाग में आवेदन कर जानकारी मांगी तो मंडल के तीनों जनपदों के जिला पूíत कार्यालय में हलचल मच गई। आवेदक ने इंजीनियरों की दक्षता संबंधी प्रमाण पत्र आदि की जानकारी मांगी थी। मांगी गई जानकारी समयावधि के भीतर डीसी की ओर से मंडल के भदोही, सोनभद्र व मीरजापुर के जिला पूíत अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया। मीरजापुर जिला पूíत अधिकारी की ओर से तो सूचना उपलब्ध करा दी गई, लेकिन भदोही व सोनभद्र के डीएसओ मौन हैं। सूचना न मिलने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर कार्रवाई की मांग किया है। अप्रशिक्षित कोटेदारों से राशन वितरण में परेशानी
ई-पॉस मशीन तो कोटेदारों को मुहैया करा दी गई, लेकिन संचालन के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया। जिससे हर माह राशन वितरण में समस्या आ रही है। जानकारी न होने से कई दुकानों पर निर्धारित तिथि पर वितरण में दिक्कत आ रही है। सूचना छिपाने से कंपनी के इंजीनियरों की दक्षता पर भी सवाल खड़ा हो गया है। अयोग्य इंजीनियरों की वजह से खराबी पर मशीन की मरम्मत सुदृढ़ नहीं हो पाती है। जिससे समस्या दूर नहीं हो रही है। डीएसओ मीरजापुर के जवाब से व्यवस्था पर सवाल
उपायुक्त के निर्देश पर जो सूचना मुहैया कराई गई है, वह चौंकाने वाली है। मांगी गई जानकारी के जवाब में डीएसओ मीरजापुर ने इंजीनियरों की दक्षता से जुड़े अभिलेख मुहैया कराने से हाथ खड़ा कर दिया है। जनपद में तैनात किसी भी इंजीनियर का प्रमाण पत्र कार्यालय में मौजूद नहीं है। इंजीनियरों की योग्यता का प्रमाण पत्र कंपनी की ओर से कार्यालयों में उपलब्ध कराना जरूरी होता है।