करेंसी लेन-देन में बरतें सतर्कता
भौतिक जीवन में देश में प्रचलित करेंसी नोट का लेन-देन सबसे जरूरी है तो कोरोना वायरस को एक दूसरे को संक्रमित करने का जरिया भी कारण भी साबित हो सकता है। प्रचलन में मुद्रा नोट के लेन-देन में सतर्कता बरतने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्ति से दूसरे के पास करेंसी हस्तांतरित होने से संक्रमित होने की पूरी संभावना है। कोरोना निगरानी के लिए जिले के नोडल बनाए गए सीएचसी सुरियावां अधीक्षक डा. आर.बी. पाठक ने कहा कि लेन-देन के दौरान कोरोना प्रभावित रोगी को छींक आदि से वायरस अन्य के शरीर में प्रवेश कर प्रभावित कर सकते हैं। बताया कि लोगों की दिनचर्या से जरूरी सामानों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को कुछ दिन के लिए बंद रखा जाए।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : भौतिक जीवन में देश में प्रचलित करेंसी नोट का लेन-देन सबसे जरूरी है, तो कोरोना वायरस को एक दूसरे को संक्रमित करने का जरिया भी कारण भी साबित हो सकता है। प्रचलन में मुद्रा नोट के लेन-देन में सतर्कता बरतने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्ति से दूसरे के पास करेंसी हस्तांतरित होने से संक्रमित होने की पूरी संभावना है। कोरोना निगरानी के लिए जिले के नोडल बनाए गए सीएचसी सुरियावां अधीक्षक डा. आरबी पाठक ने कहा कि लेन-देन के दौरान कोरोना प्रभावित रोगी को छींक आदि से वायरस अन्य के शरीर में प्रवेश कर प्रभावित कर सकते हैं। बताया कि लोगों की दिनचर्या से जरूरी सामानों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को कुछ दिन के लिए बंद रखा जाए। जिससे करेंसी के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।