धनुष टूटते ही थर्राया तीनों लोक
क्षेत्र के लठियां गांव में चल रहे सात दिवसीय रामलीला में रविवार को सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। श्रीराम ने जैसे ही शिव धनुष का खंडन कर तीनों लोक थर्रा उठा। स्वयंवर में एक से एक बलशाली राजा उपस्थित थे लेकिन किसी ने शिव धनुष को तिनका हिला भी नहीं पाए। धनुष खंडन के बाद श्रीराम व माता सीता के जयमाल डालकर अपना वर चुना।
चित्र..9.जासं, चौरी (भदोही) : क्षेत्र के लठियां गांव में चल रहे सात दिवसीय रामलीला में रविवार को सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। श्रीराम ने जैसे ही शिव धनुष का खंडन कर तीनों लोक थर्रा उठा। स्वयंवर में एक से एक बलशाली राजा उपस्थित थे लेकिन किसी ने शिव धनुष को तिनका हिला भी नहीं पाए। धनुष खंडन के बाद श्रीराम व माता सीता के जयमाल डालकर अपना वर चुना। इसके पहले मिथिला नरेश राजा जनक प्रतिज्ञा करते है कि विशाल शिव धनुष पर जो भी राजा या राजकुमार प्रत्यंचा चढ़ायेगा। उसी के साथ सीता का विवाह होगा। इसी क्रम में जनकपुर में स्वयंवर रखा जाता है। गुरु विश्वामित्र की आज्ञानुसार राम के हाथो शिव धनुष का खंडन होता है। शिव धनुष टूटने से नाराज अत्यंत क्रोध में परशुराम और श्रीराम लक्ष्मण संवाद से सभा में सन्नाटा छा गया। रामलीला के दौरान धीरज त्रिपाठी, धनीशंकर यादव, अरविद तिवारी, दयाशंकर यादव व जीत तिवारी समेत अन्य मौजूद थे।