पवनसुत के दरबार में लगी आस्थावानों की कतार
भगवान भोले शंकर के अति प्रिय सावन के अंतिम मंगलवार (बुढ़वा मंगल) को जिले भर में स्थित महावीर मंदिरों में पवन सुत हनुमान के दर्शन-पूजन को भीड़ उमड़ी। ऐतिहासिक चकवा व नटवां महावीर मंदिरों पर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। जनपद का लोक पर्व होने के चलते स्थानीय अवकाश घोषित होने सभी स्कूल कालेज से लेकर सरकारी दफ्तर तक बंद रहे।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : भगवान भोले शंकर के अति प्रिय सावन के अंतिम मंगलवार (बुढ़वा मंगल) को जिले भर में स्थित महावीर मंदिरों में पवन सुत हनुमान के दर्शन-पूजन को भीड़ उमड़ी। ऐतिहासिक चकवा व नटवां महावीर मंदिरों पर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। जनपद का लोक पर्व होने के चलते स्थानीय अवकाश घोषित होने से सभी स्कूल, कालेज से लेकर सरकारी दफ्तर तक बंद रहे। इस कारण लोगों ने निश्चित होकर पर्व का आनंद लिया।
प्राचीन एवं पौराणिक स्थल चकवा महावीर मंदिर पर दर्शन-पूजन व मेले की तैयारी सोमवार को ही पूरी कर ली गई थी। मंगलवार को सुबह हुई बारिश से लगा कि मेला प्रभावित हो सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा। सुबह से श्रद्धालुओं के पहुंचने का शुरू हुआ सिलसिला दोपहर होते- होते हजारों में पहुंच गया। श्रद्धालुओं ने हलवा-पूड़ी के साथ तरह-तरह के प्रसाद चढ़ाकर दर्शन पूजन किया। इस मौके पर लगे मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी भी की। मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
ऊंज प्रतिनिधि के अनुसार : सावन मास के अंतिम मंगलवार (बुढ़वा मंगल) के मौके क्षेत्र के महावीर मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सूर्यभानपुर (मोन कुटिया) सहित राजमार्ग पर बिहसपुर, सूफीनगर में स्थित महावीर मंदिर व अन्य मंदिरों पर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन कर सुख व समृद्धि की कामना की। इस दौरान मंदिरों पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के भी आयोजन किए गए।
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गुड़हिया जलेबी ने जमकर रिझाया
- चकवा महावीर मंदिर पर जहां हलवा- पूड़ी की धूम रही तो गुड़हिया जलेबी ने भी लोगों के खूब रिझाया। बुढ़वा मंगल मेले के अवसर पर पवन सुत को हलुआ पूड़ी चढ़ाने की परंपरानुरूप हनुमान मंदिरों पर बड़ी संख्या में महिलाएं हलवा व पूड़ी बनाती देखी गईं। इसी तरह दुकानों पर बिक रहे गुड़हिया जलेबी का भी लोग आनंद लेते देखे गए। उधर युवा-बच्चे तरह-तरह के लगे झूलों से लेकर मनोरंजन के अन्य साधनों का भी आनंद उठाते रहे।
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सुरक्षा का रहा पुख्ता इंतजाम
- मेले को शांतिपूर्ण व सकुशल संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। चकवा व नटवां महावीर मंदिरों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी तो चकवा मुख्य मार्ग पर आवागमन तक रोक दिया गया था। रूट परिवर्तित कर वाहनों को दूसरे मार्गों से चलाया गया। पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी व्यवस्था को संचालित करने को लेकर डटे रहे।
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उचक्कों ने भुनाया मौका
- चकवा महावीर मेले में पुलिस प्रशासन की तमाम सक्रियता के बाद भी उचक्कों की चांदी रही। उन्होंने लोगों के जेब पर हाथ साफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेले में वारी गांव से पहुंची अधेड़ राजदेई का झोला ही उचक्कों ने उड़ा दिया। वह निराश व उचक्कों को कोसती दिखी। इसी तरह कई अन्य महिलाओं के बैग व लोगों के पर्स आदि पर भी हाथ साफ कर दिया गया।
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