790 आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं है वजन मशीन
सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल सुपोषण माह में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए चलाए गए अभियान में जुगाड़ विधि से बच्चों का वजन कराया गया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल सुपोषण माह में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित करने के लिए चलाए गए अभियान में जुगाड़ विधि से बच्चों का वजन कराया गया। जनपद के 1483 आंगनबाड़ी केंद्रों के सापेक्ष 790 केंद्रों की वजन मशीन खराब हो गई है। इन केंद्रों पर जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से उधार दी गई मशीन से वजन किया गया। एक साल से खराब मशीनों के लिए कई बार डायरेक्टर आइसीडीएस को लिखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में सितंबर माह को ही सुपोषण माह घोषित कर दिया गया है। माह के पहले दिन कुपोषित बच्चों को चिह्नित करने के लिए वजन दिवस मनाया गया था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब केंद्रों पर मशीन ही खराब है तो बच्चों का वजन कर चिह्नित कैसे किया गया। जब केंद्रों पर मशीन ही उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में अभियान को सफल होना संभव नहीं है। जानकारों का कहना है कि मशीन से हर समय बच्चों का वजन होते रहना चाहिए। जब मशीन ही खराब है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों का वजन अब तक किस तरह से करती आ रही हैं। शायद इसका जवाब भी जिम्मेदार महकमे के पास नहीं होगा। आइसीडीएस विभाग के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो जिले के सात बाल विकास परियोजनाओं में 1483 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 693 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही वजन मशीन हैं, जबकि 790 केंद्र पर एक साल से खराब हैं। बाल विकास परियोजना अधिकारी उर्मिला का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से कई बार डायरेक्टर आइसीडीएस को पत्र भेजा गया, लेकिन अभी तक मशीन उपलब्ध नहीं कराए गए। मशीनों की खरीद डायरेक्टर स्तर से ही होती है। बताया कि जिन केंद्रों पर मशीन खराब थी वहां पर जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं।