जिला पंचायत में 31.49 करोड़ का प्रस्ताव पारित
जिला पंचायत अध्यक्ष काजल यादव की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित जिला पंचायत की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 31.49 करोड़ का बजट पारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 25 लाख रुपये के लाभ का लक्ष्य रखा गया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): जिला पंचायत अध्यक्ष काजल यादव की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित जिला पंचायत की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 31.49 करोड़ का बजट पारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 25 लाख रुपये के लाभ का लक्ष्य रखा गया। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2019-20 के अनुपुरक बजट को भी हरी झंडी दे दी गई। इस दौरान जिला पंचायत सदस्यों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों के सामने झड़ी लगा दी।
अपर मुख्य अधिकारी सुभाषचंद भारतीया ने सदन को बताया कि 27 जुलाई को आयोजित बैठक की कार्यवाही की पुष्टि, राज्य वित्त आयोग की वार्षिक कार्ययोजना, कर निर्धारण सूची, चालू वित्तीय वर्ष के जिला योजना संरचना, अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी के लिए दो वाहन, प्रधानमंत्री ग्राम संड़क योजना फेज-तीन के अंतर्गत मार्गों के प्रस्ताव, सीतामढ़ी अतिथि गृह सुंदरीकरण, जिला पंचायत के दक्षिण ओर रिक्त भूमि पर आवासीय भवन एवं पार्किंग के अलावा पुनरीक्षित आय- व्यय चालू वित्तीय वर्ष और 2019-20 के अनुमोदन करना है। जिला पंचायत सदस्यों ने ध्वनिमत से सदन में पेश प्रस्ताव को पारित कर दिया। अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 31.49 करोड़ रुपये आय और 25.68 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित व्यय का लक्ष्य रखा गया है। इस बीच जिला पंचायत सदस्य अखिलेश सिंह बघेल ने रामपुर घाट का सुंदरीकरण, गोपीगंज-रामपुर मार्ग को दुरुस्त कराना, खड़गपुर से निकले रजवाहा के अधूरे कार्य को पूर्ण कराना और रामपुर घाट पर मणिकणिका घाट की तरह फिक्स कर की व्यवस्था किया जाए। ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र ने भी अधिकारियों को जनता की समस्याओं को लेकर जमकर क्लास लगाई। कहा कि गुमटी व्यवसायियों से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं होनी चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी विवेक त्रिपाठी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन प्रतिनिधियों की समस्याओं को प्राथमिकता के स्तर पर निस्तारित करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य सुरेश मिश्र, दिवाकर शुक्ला, नागेंद्र सिंह, परदेशी वनवासी, राजितराम आदि थे।